अदाकार
अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, अमृता सिंह, टोनी ल्यूक,मानव कौल,
निर्देशक
सुजॉय घोष
दोस्तो फ़िल्म एक स्पेनिश फ़िल्म कांतरोतिएमो से उठाई गई है, जिसको अंग्रेजी में रिलीज किया गया था इनविजिबल गेस्ट नाम से , सिर्फ हिंदी फिल्म में लिंग बदलाव किए गए है,,
फ़िल्म सस्पेंस, मर्डर मिट्री है
जो कि आपको बांधे रखने में सफल होती है साथ ही फ़िल्म में परत दर परत कई रोमांचक मोड़ और पहेलियां आती जाती है जिससे कि आप फ़िल्म में सीट पर बंधे रह जाते है
सस्पेंस फ़िल्म की ताकत ही उसका सस्पेंस होता है तो उसे खोले बिना ही फ़िल्म का जिक्र होगा
यानी
अजीब सा पहरा लगाया है एहतियातों ने
की उसका जिक्र तो हो पर नाम न हो,,
तो साथियो कहानी पर चर्चा होगी पर ऊपर वाले शेर का ख्याल रखते हुवे,,,
कहानी
नैना(तापसी) एक जवान उधमिता है जो कि शादीशुदा होकर एक बच्ची की माँ भी है, उसका अर्जुन नामक एक शख्स से अफेयर भी है दोनों छिप छिप कर मिलते रहते है, दोनों पेरिस में कार से जा रहे होते है तो नैना की कार से सनी नामक लड़के की दुर्घटना में मौत हो जाती है तो अर्जुन नैना मिलकर लाश को ठिकाने लगा कर सबूत मिटाते है यह सब कोई तीसरा शख्स देख लेता हैं, और नैना को ब्लैकमेल करने लगता है,
अर्जुन नैना एक होटल पहुचते है
ब्लेक मेलर को पैसे चुकाने को,
यहां से शुरू होता है नया ट्विस्ट
लेकिन वहां अर्जुन का कत्ल हो जाता है और ब्लैक मेलर बिना पैसे लिए चला जाता है, अर्जुन के कत्ल का इल्जाम नैना पर आ जाता है,, नैना का केस लड़ने के लिए एडवोकेट बादल गुप्ता(अमिताभ) को जिसने अपने 40 साला वकालत में कभी कोई केस नही हारा
अब शुरू होता है ट्विस्ट और टर्न्स का सस्पेंस का खेल,
अंत मे क्या नैना बच पाती है ? बादल गुप्ता केस जीत पाते है? असली हत्यारा कौन है?
इन सब सवालो के जवाबो के लिए फ़िल्म देखना पड़ेगी,,
फ़िल्म की कहानी ओरिअल पाओलो की है
पटकथा सुजॉय घोष ने लिखी है फ़िल्म की पटकथा कसी हुई है,,
राज वसंत ने डायलॉग लिखे ही जो कि काबिले तारीफ है,,
फ़िल्म का संगीत औसत है फ़िल्म को सहयोग करता है,,जो कि अमाल मलिक का है,,
फ़िल्म का दूसरा हाफ बेहद कसा हुआ है जो कि सीट से बांध देता है,,
फ़िल्म को 2200 स्क्रीन्स मिले है जिससे 4 से 7 करोड़ की शुरूआत मिल सकती है
फ़िल्म का बजट 30 करोड़ बताया गया है जो कि सोलो रिलीज पर कवर होते दिख रहा है,,
फ़िल्म को 3 स्टार्स
#इदरीस खत्री
परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।