टोटल धमाल : दिमाग रखे बाहर और फ़िल्म का लुत्फ उठाए

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टोटल धमाल
दिमाग रखे बाहर और फ़िल्म का लुत्फ उठाए
फ़िल्म समीक्षक इदरीस खत्री द्वारा,,
हँसी का तड़का
अदाकार
अजय देवगन, अनिल कपूर, माधुरी, अरशद, रितेश, जावेद,जानी लिवर, संजय मिश्रा, बोमन ईरानी,
निर्देशक
इंद्र कुमार
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कहानी
पोलिस कमिश्नर(बोमन ईरानी)के चोरी के पैसे एक बिल्डिंग से राधे ब्रो(अजय देवगन) और जानी(संजय मिश्रा) चुराते है, वह पैसा ड्राइवर बन्टी(मनोज पाहवा) लेकर भाग जाता है और वह पैसा ओमकार ज़ू में छिपा देता है इसके बाद ड्राइवर की हेलिकॉप्टर एक्सिडेंट में मौत हो जाती है, लेकिन मौत से पहले वह जनक पूरी के उस जू और 50 करोड़ की रकम के बारे में बता देता है
तो शुरू होती है खोज 50 करोड़ की, साथ ही शुरू होती है हँसी की रेल, ठीक पिछली धमाल की तरह
फ़िल्म में परिस्थिति जन्य हास्य(सिचुएशनल कॉमेडी) की भरमार है, वाचिक हास्य भी अच्छा लिखा गया है जो कि वेद प्रकाश और बन्टी राठौर ने लिखा हैं|
लेकिन बार बार हॉलीवुड फिल्म मेड मेड सिटी और पिछली धमाल की याद दिलाता है,,,
अनिल, माधुरी की टाइमिंग गजब की है, अरशद, रितेश, संजय मिश्रा, जानी लीवर सहित सभी किरदार खूबसूरती से गढे गए है,
फ़िल्म के गाने भी अच्छे बन गए है जो कि गौरव रोशन ने बनाए है,,
फ़िल्म में हर किरदार को बड़ी खूबसूरती से गढा गया है जो कि प्रभावित करता है,,
फ़िल्म शुद्ध पारिवारिक फ़िल्म है जिसमे द्विअर्थी शब्द नही के बराबर है, न ही कोई सेक्स सीन है तो
फ़िल्म को बच्चों के साथ परिवार एन्जॉय कर पाएगा,
फ़िल्म का बजट 100 करोड़ बताया जा रहा है, जो कि आसानी से पार होता दिख रहा है,,
अनिल, माधुरी की जोड़ी को फिर साथ देखना सुखद लगा,,
दिमाग रखे बाहर और फ़िल्म देखिये सिर्फ एन्जॉय कीजिये
फ़िल्म को मेरी तरफ से
2.5स्टार्स

#इदरीस खत्री

परिचय : इदरीस खत्री इंदौर के अभिनय जगत में 1993 से सतत रंगकर्म में सक्रिय हैं इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं| इनका परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग 130 नाटक और 1000 से ज्यादा शो में काम किया है। 11 बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में लगभग 35 कार्यशालाएं,10 लघु फिल्म और 3 हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। इंदौर में ही रहकर अभिनय प्रशिक्षण देते हैं। 10 साल से नेपथ्य नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।