तिल गूड की मिठास

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aashutosh kumar
मकर संक्रांति विशेष……….
तिल गूड की मिठास
चहु ओर महकने लगे
पतंगे आसमान में दिखने लगे
फूलो के बगीचे भी सजने लगे
देखो बसंत में सभी हँसने लगे।

बसंत की साख पर
लोभ तृष्णा ताक पर
खेतों की नवीन फसल पर
नवीन पकवानों के महक पर
खलिहानो की पुआल पर
बचपन की मुस्कान पर
आओ मकर संक्राति मनाते हैं
स्वागत में इसके बसंत गीत
गुनगुनाते हैं।

सागो की नई फसल
सब्जियों की स्वाद पर
नये चावलो की मिठास पर
कुछ ज्यादा खाते हैं
फुरसत के दो पल
आओ बसंत गीत गाते हैं।

ठंढ कडाके की है
रोज रोज घूप नही
नये नये सौगातो से
किसी को भूख नहीं
यह वो घडी है
सबकी उल्लास की घडी है
मौका मिला है भूलाने का
आओ कोई गजल बनाते हैं
स्वागत में बसंत गीत गाते हैं।

“आशुतोष”

नाम।                   –  आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम –  आशुतोष
जन्मतिथि             –  30/101973
वर्तमान पता          – 113/77बी  
                              शास्त्रीनगर 
                              पटना  23 बिहार                  
कार्यक्षेत्र               –  जाॅब
शिक्षा                   –  ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन                 – नगण्य
सम्मान।                – नगण्य
अन्य उलब्धि          – कभ्प्यूटर आपरेटर
                                टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य   – सामाजिक जागृति

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