राम जन्मभूमि पर मंदिर हेतु विहिप के नव दिवसीय संकल्प अनुष्ठान प्रारम्भ

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कार्याध्यक्ष अलोक कुमार ने भीलों के गाँव घोड़ी तेजपुर से किया शंखनाद

 

नई दिल्ली |

अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण हेतु आज से नव दिवसीय संकल्प अनुष्ठानों का श्री गणेश आज विहिप कार्याध्यक्ष श्री आलोक कुमार द्वारा राजस्थान के बांसवाड़ा के एक भील बाहुल्य गाँव से किया गया. एक बृहद यज्ञ उपरांत उपस्थित राम भक्तों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बनवासी व गिरिवासियों के बीच भगवान श्री राम ने 14 वर्ष विताए और उन पर होने वाले दुराचारियों के हमलों के विरूद्ध लड़ने का जो साहस तथा स्वाभिमान उन्होंने विकसित किया उसी का परिणाम है कि उनके पौरुष का लोहा आज  अच्छे अच्छे मानते हैं. देश में जितने भी महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं उनमें वनवासी गिरिवासी आदिवासी व भीलों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है. चाहे मेवाड़ की धरती को मुगलों के आतंक से आजाद करने की बात हो या देश में राम राज्य स्थापित करने की बात हो, भीलों का योगदान विश्व विख्यात है. इसीलिए राममन्दिर हेतु संकल्प अनुष्ठानों का श्रीगणेश भी आज बांसवाडा के गाँव घोड़ी तेजपुर की इस पवित्र वीर भूमि से किया जा रहा है.

विस्तृत जानकारी देते हुए विहिप प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने बताया कि आज से देश भर में घर-घर, मंदिर-मन्दिर, मठों, गुरुद्वारों, जैन स्थानकों व बौद्ध, वाल्मीकि तथा आर्य समाज मंदिरों इत्यादि सभी आराधना स्थलों पर संकल्प अनुष्ठानों के द्वारा आध्यात्मिक शक्ति का जागरण किया जाएगा. गत 5 अक्टूबर को दिल्ली स्थित विहिप मुख्यालय में सम्पन्न हुई संत उच्चाधिकार समिति की बैठक में लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय के अंतर्गत ये आयोजन आगामी 26 दिसंबर तक चलेंगे. इस बैठक में देश भर से पधारे पूज्य संतों ने तय किया था कि जिस दिन अयोध्या की पावन भूमि से बाबरी नामक ढाँचे को धराशाई किया गया था उस दिन गीता जयंती थी. अत: आज उसी गीता जयंती से यानि 18 से 26 दिसंबर तक सम्पूर्ण देश में राम भक्तों द्वारा व्यक्तिगत रूप से अपने अपने ईष्ट देव की आराधना के अलावा पारिवारिक, सामाजिक तथा सामुदायिक रूप से भी संकल्प अनुष्ठानों का आयोजन कर राम मंदिर की भव्यता में आ रही बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना की जाएगी.

#विनोद बंसल

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।