बेटी है तो कल है….

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pramod

विधाता ने पहली बार किसी बेटी को बनाया होगा,
मानव निर्माण के लिए धरती पर छोड़ने आया होगा।

उस दिन विधाता भी सारी रात नहीं सोया होगा,
बेटी की जुदाई में पूरी रात खूब रोया होगा।

कई जन्मों के पुण्योदय से बेटी का जन्म होता है,
इसीलिए कन्यादान बहुत बड़ा धर्म होता है।

बेटी पिता,पति दोनों घरों का मान रखती है,
चाहे कलेजे पर पत्थर पड़े हों,चेहरे पर मुस्कान रखती है।

बेटी की आत्मा से सिर्फ दुआओं के फूल बरसते हैं,
राखी के कच्चे धागे भाई की कलाई को तरसते हैं।

माँ-बाप के खलल से बेटी के ख्वाब अधूरे रहते हैं,
बेटी की नजर में माँ-बाप बुरे नहीं होते हैं।

दिल में चाहे गम हो,चेहरे पर खुशी की लहर होती है,
कठोर दिल बाप भी रो पड़ता है,जब विदाई बेटी की होती है।

हे ईश्वर,मेरा तो बस इतना ही है कहना ,
कुछ दे न दे,पर हर घर में एक बेटी जरुर देना।

                                                                                   #प्रमोद बाफना

परिचय :प्रमोद कुमार बाफना दुधालिया(झालावाड़ ,राजस्थान) में रहते हैं।आपकी रुचि कविता लेखन में है। वर्तमान में श्री महावीर जैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय(बड़ौद) में हिन्दी अध्यापन का कार्य करते हैं। हाल ही में आपने कविता लेखन प्रारंभ किया है।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।