देवसुधा पत्रिका के संपादकीय चिंतन अंक का विमोचन व सम्मान समारोह

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 पुवायां |

आज 24 नवम्बर को अमर उजाला कार्यालय पुवायां में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार हरिओम त्रिवेदी अध्यक्षता कर रहे पत्रकार रामलड़ैते तिवारी गजलकार अमरजीत निराश गीतकार रमेश शुक्ल राही हास्यकवि विजय तन्हा ने संयुक्त रूप से देवसुधा के संपादकीय चिन्तन अंक का विमोचन किया।मुख्यातिथि ने अपने उद्बोधन में साहित्यिक जगत में यह महत्वपूर्ण व अपनी तरह का अद्भुत कार्य बताया जोकि संपादन क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रमाणित होगा।अध्यक्षता करते हुए स्वतंत्रभारत के तहसील प्रभारी पत्रकार रामलड़ैते तिवारी ने संपादक शशांक मिश्र भारती का अपनी तरह का यह अलग हटकर व संपादन जगत में क्रांतिकारी काम बताया। उन्होंने कहा कि देश विदेश से चालीस पत्रिकाओं से सम्पर्क कर उनकी महत्वपूर्ण सम्पादकीय का चयन कर प्रकाशन करना बड़ा ही श्रमसाध्य व सूझबूझ का कार्य है।सरस्वती पूजन से आरम्भ हुए इस आयोजन में कवियों ने काव्यपाठ कर श्रोताओं को आनन्दित किया।

इस अवसर पर सम्मान के क्रम में अंक में संकलित संपादकीय के संपादक प्रेरणा पत्रिका के विजय तन्हा को मुख्यअतिथि द्वारा संपादक श्री के सम्मान से अलंकृत किया गया।यही सम्मान देवसुधा पत्रिका के संपादक द्वारा काव्यरंगोली साहित्यिक पत्रिका के संपादक आशुकवि नीरज अवस्थी को धौरहरा के विधायक माननीय बालाप्रसाद अवस्थी हाथों बीते दिनों काव्यरंगोली के खमरिया पंडित लखीमपुर खीरी उ0प्र0 में बृहद सम्मान समारोह करवाया जा चुका है।

शहीदों की नगरी के नाम से देश भर में विख्यात उ0प्र0 के शाहजहांपुर की तहसील पुवायां के बड़ागांव से साल 2008 से साल में एक बार विषयकेन्द्रित के रूप में निकल रही देवसुधा का नया अंक संपादकीय चिन्तन अंक के रूप में आया है।जिसमें देश-विदेश के 40 संपादकों की संपादकीय महत्वपूर्ण विषयों पर छपी है।साथ ही संपादक द्वारा पिछले दो साल से व्हाटशप पर संपादक हिन्दी पत्रिकायें समूह का विधिवत संचालन किया जा रहा है जिसमें पचास पत्र पत्रिकाओं के संपादक जुड़े हैं।जिनको पत्रिका द्वारा संपादक श्री से अलंकृत किया रहा है।इनमें शैलसूत्र रचनाकार जयविजय शुभतारिका प्रयास विश्वस्नेह समाज हिन्दीभाषा डाट काम स्वर्गविभा मगसम माध्यम दृष्टिकोण भोजपुरी राज्य सन्देश प्राची प्रतिभा खुशबू मेरी देश की शबनमज्योति समय सुरभि अनन्त मधुरचिन्तन हिन्दी प्रचारक समाजप्रवाह गर्भनाल साहित्य सुधा अविराम राष्ट्रकिंकर सेतु कर्मनिष्ठा सलिला नयेक्षितिज पंखुड़ी प्रेरणा अंशु साहित्य समीर दस्तक गजलगुंजन बालप्रहरी जनप्रवाह चम्पावत समाचार जगमगदीपज्योति जनभाषा सन्देशप्रतिलिपि सलामदुनियां आदि प्रमुख हैं।

इस अवसर पर आशतोष शुक्ला विशेष मिश्रा दीपांशु शिखर आदि उपस्थिति रहे।अन्त में सभी के प्रति आभार देवसुधा के संपादक शशांक मिश्र भारती ने व्यक्त किया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।