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देख वीरो की बलदानी –
खून मेरा भी खोला है।
आज दिल मेरा भी मचला –
देख बसंती चोला है।
मेरा देश ही-
मेरी जान है।
इसके लिए एक जीवन क्या,
हजारो भी कुर्बान है।
खाकी का रही हूँ
देश का सिपाही हूँ
देश की मिट्टी ही मेरी चादर है।
मिट्टी ही मेरी आन ।
देश का जवान हूँ
न मैं बेईमान हूँ
मैं तो चलता –
भारतीय सेना का सम्मान हूँ।
#सुरेन्द्र कल्याण
करनाल (हरियाणा)
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