अनशन

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jaswant
लाखों लोग कर रहे अनशन ऐसी क्या मजबूरी है
जू तक नहीं रेंग रही इनके  बस प्रचार जरूरी है
नौ-नौ दिन से भूखे-प्यासे घरबार तक छोड़ दिया
बेरोजगारी की जकड़न में जीवन ने  मोड़ लिया
एक हजार की भर्ती निकले लाखों फॉर्म भरते है
उम्मीदें टूट जाती है जब सब वादे झूठे निकलते है
अनशन पर बैठे देखो भारत के भविष्य निर्माता
बेरोजगारी इनका कसूर पुलिस की लाठी खाता
रहम कर सरकार क्यों आँख बन्द कर बैठ गयी
अनशन नहीं हार है तेरी क्यों पत्थर-सी ऐंठ गयी
जाके देखो इनके घरपर विकास नजर आ जाएगा
भूखा बैठा सारा परिवार तुझसे ही आस लगाएगा
ना चाहिए बुलेटट्रैन बस जीवन को पटरी पे ला दो
इनकी मांगे पूरी करो इनका जीवन सफल बना दो
सब मिल बैठे उम्मीद लिये कोई नही सुनने वाला
चाहे जिये या मर जाये बस भगवान है रखवाला
नौ दिन से भूखे प्यासे पर उम्मीद नही इनकी टूटी
अपने हक की लड़ रहे लड़ाई बाकी बातें है झूठी
जो पड़ा बैठना धूप तले सबने क्या गलती की थी
बस हक मांगा सबने वो जिसमें तुमने भर्ती दी थी
गौरव यात्रा खूब हो गई अब इनकी भी तुम सुनलो
बात रखेंगे अपनी सब सही गलत भी तुम चुनलो
क्यों अंधे-बहरे बन बैठे दिखता नहीं तुम्हें अनशन
या यही चाहते हो खत्म हो जाये इनका जीवन
ये मत सोचो कहाँ जाना व कितने भाषण बाकी है
मानलो सब युवाओ की बातें वह उनकी बैसाखी है
जब Ac वाली गाड़ी में घूमों , तुम्हे कहाँ लगे गर्मी
शिक्षित वर्ग को परेशान कर तुम बनो चुनावी धर्मी
बहुत किये सबने अनशन तुमतो अब हुँकार भरो
देखसुन नहीं सकती उसका तुम बहिष्कार करो
“जसवंत”कहे मत भूलो  जिसने तुमको राज दिया
 देना था इनका साथ तुमने तो नजरअंदाज किया

नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )

पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)

माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी

धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )

शिक्षा – B.tech in Computer Science

व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा

राजसमन्द ( राज .) 

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।