अपनी खनकदार आवाज से हिंदी को बुलन्दियों पर पहुंचानेवाले
शब्दों के जादुगर जसदेव सिंह को नमन !!!
कई पीढ़ियों को अपनी आवाज और शब्दों से झंकृत करने वाले पद्म भूषण और पद्म श्री जसदेव सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। जसदेव सिंह का मंगलवार को राजधानी दिल्ली में लंबी बीमार के बाद निधन हो गया। पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित जसदेव 87 साल के थे। विश्व भर में अपनी आवाज का लोहा मनवाने वाले जसदेव के निधन पर खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने ट्वीट के जरिए शोक प्रकट किया।
अपनी खनकदार आवाज से हिंदी को बुलन्दियों पर पहुंचानेवाले शब्दों के जादुगर जसदेव सिंह (1933 – 25 सितंबर 2018) भारत के एक खेल-टीकाकार (कमेन्टेटर) थे। उन्हें सन् 2000 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया था। उन्होंने आकाशवाणी में उर्दू एवं हिंदी समाचार वाचक के रूप में काम शुरू किया। बाद में जयपुर रेडियो स्टेशन में भी उद्घोषक नियुक्त किये गए, लेकिन जसदेव सिंह ने कमेंटेटर के रूप में अपनी पहचान बनाई। वे आकाशवाणी तथा दूरदर्शन पर सन् 1963 से ही स्वतन्त्रता दिवस तथा गणतन्त्र दिवस की परेडों के आधिकारिक टिप्पणीकार भी रहे हैं।
बाद में जयपुर रेडियो स्टेशन में भी उद्घोषक नियुक्त किये गए, लेकिन जसदेव सिंह ने कमेंटेटर के रूप में अपनी पहचान बनाई। सन् 1960 में जयपुर में फुटबॉल मैच की कमेंट्री की। सन् 1962 में 15 अगस्त के मौके पर उन्होंने शिव सागर मिश्र के साथ कमेंट्री दी। सन् 1964 में आकाशवाणी ने टोकियो ओलम्पिक कवर करने के रूप में जापान गए। जसदेव सिंह विशेषकर हॉकी कमेंट्रेटर के रूप में जाने जाते थे।
जसदेव सिंह को भारत सरकार द्वारा सन् 2008 में पद्म भूषण और 1985 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
[वैश्विक हिंदी सम्मेलन ]