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हमारे गांव में सुबह से ही लोगों का जमावड़ा लगा था,चुनावी प्रचार के सिलसिले में नेता जी आने वाले थे। उनके साथ कोई अदाकारा भी आएंगी! लोग आपस में चर्चा कर रहे थे। जिन लोगों ने कभी अपने गांव की कच्ची सड़कों पर मोटर कार नहीं देखा आज वो हेलीकॉप्टर देखने वाले थे। लोग बहुत खुश थे,अब नेता जी के हेलीकॉप्टर की ध्वनि दूर से ही कानो में आने लगी थी,सुरक्षाकर्मी सजग हो गये थे। कुछ समय पश्चात जब नेता जी का हेलीकॉप्टर जमीन पर उतरा तो मानो धूल का बवंडर आ गया,लोग फिर भी चेहरे पर हाथ रख एक टक उस यान को देखते रहे। इसी बीच नेता जी हेलीकॉप्टर से उतरकर स्टेज पर आये और रुमाल से सर का पसीना पोछते हुए एकत्रित हुई भीड़ का अभिवादन किया। सर का पसीना पोछते हुए उनके चेहरे पर गर्मी का भाव कम और भय अधिक दिख रहा था!अब वक्त हो चुका था चुनावी जुमलों का और विपक्ष को अपने अनगिनत आरोपों से कामचोर साबित करने का। नेता जी का भाषण खत्म हुआ सुरक्षाकर्मी अब ज्यादा सजग हो गये,नेता जी जनता से सीधे मिलने जा रहे थे।
फूल-मालाओं के साथ आजकल तमाचा मुफ्त देने का दौर जो चल पड़ा है,सुरक्षाकर्मी चाह कर भी अपनी पलकें नहीं झपका पाते!कुछ उत्साहित युवा वर्ग नेता जी के साथ फोटो खींचने को उतारू हो रहे थे,तो कोई दबी जुबान से गालियां बक रहे थे। अब नेता जी गांव में प्रवेश कर रहें थे,जहां पहले से सुरक्षाकर्मी तैनात थे। गांव में प्रवेश करते ही नेता जी को कुछ लोग सिफारिश लिए मिल गये,नेता जी उन्हें दिलासा दिलाते हुए गांव का सर्वेक्षण करते हैं और आखिर में किसी झुग्गी-झोपड़ी में रात बिताने को जातें हैं।
जिस झोपड़ी में धुआँ आंगन के ऊपर सप्ताह में एक या दो बार ही उठ पाता है आज वहां छप्पन भोग तैयार किये जा रहें थे,घर के सारे सामान बदले जा चुके थे। चारों ओर सबकुछ बदला-बदला सा लग रहा था,खाने के बर्तन से लेकर बिछावन तक नया था। पता नहीं ये नेता जी का करम था या उस गरीब का स्वप्न!
खैर,किसी तरह रात भर मच्छरों का गीत सुनते-सुनते सवेरा हो गया। नेता जी अब गांव के बाहर कदम धर चुके थे,चुनाव भी भली-भाँति सम्पन्न हो गया था। विकास के लगते नारों के पीछे अब मंत्री पद के लिए अनबन होने लगा था।
विकास की आस में हमारे चार बरस बीत गये और अबतलक न नेता जी आये और ना ही उनका विकास!
#अलोककुमार
परिचय-
नाम-अलोक कुमार
साहित्यिक उपनाम-अलोक कुमार वशिष्ठ
वर्तमान पता-पकरीबरावां (एरुरी)
राज्य-बिहार
शहर-नवादा
शिक्षा-जारी 12वीं कक्षा में अध्ययनरत
विधा -आलेख/कविता
लेखन का उद्देश्य-सामाजिक बदलाव
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