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नव जीवन का हुआ पल्लवन
स्वागत किया सब ने मिल
किसी ने थाल बजाया
तो किसी ने बजाई
शहनाई की धुन
ख़ुशियाँ फिर छाईं
चहुँ ओर
नाचे वन में मोर
कोई हुआ
भयभीत
किसी के मन में
जागी तुझ संग
प्रीत
अदिति रूसिया
वारासिवनी
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