अत्र कुशलम तत्रास्तु! सबसे पहले बात भाषा की। आवासीय सोसायटी में रहने वाली डॉ मीनाक्षी महाराष्ट्र की है । पिछले 2 वर्ष से बैंगलोर में हैं। बेटी 12वीं में निजी उर्फ पब्लिक स्कूल में ।विषय कॉमर्स । साथ में अंग्रेजी और हिंदी। हिंदी सुनकर मुझे कुछ आश्चर्य मिश्रित झटका लगा। […]

भारतीय राजव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में सरकार के अलावा जिन संवैधानिक संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, उनमें चुनाव आयोग, उच्चतम न्यायालय आदि के साथ-साथ संघ लोक सेवा आयोग भी शामिल है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का प्रमुख कार्य सिविल सेवा में नियुक्ति संबंधी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं […]

राजनीति के क्षेत्र में संविधान के अंतर्गत यह सभी को अधिकार प्राप्त है कि कोई भी राजनेता कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है। किसी भी राजनेता के लिए किसी भी प्रकार की विशेष अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। क्योंकि चुनाव में जो आवश्यकता होती है वह है जनाधार की। […]

भारतीय संस्कृति उत्सव प्रधान है और उत्सव की प्राचीन परंपरा उल्लास और उच्चता से जुड़ी हुई है, जब जीवन में उल्लास हो और तन और मन की उच्चता हो वह समय उत्सव है। दीपोत्सव की परंपरा अनादि काल से भारतीय संस्कृति की अक्षुण्ण पहचान है, वैदिक काल हो या उत्तर […]

जी हां बिहार की धरती पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जोकि राजनीतिक समीकरण में बहुत उथल-पुथल को दर्शाता है। सियासत के सधे हुए सियासी कदम ने बिहार की धरती पर वही कर दिखाया जिस बात का पूर्ण रूप से अनुमान लगाया जा रहा था। क्योंकि बिहार के […]

राधिका ने रोहित के माथे को फिर से सहलाया । माथागर्म था । वह चैंक गई । उसने रोहित के सारे शरीर को छुआ उसे हर जगह वह गर्म ही लगा । उसके माथे पर चिन्ता की लकीरें उभर आईं । माथे पर अपनी माॅ का स्पर्श पाकर रोहित ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।