कविता में युवाओं के कारण सशक्तता -डॉ. दवे तिरंगा डोल रे- नीलोत्पल मृणाल सिर्फ़ शम्भू ही स्वयंभू है- गौरव साक्षी प्राचीन साहित्य को नई पीढ़ी तक लाना ज़रूरी है-एसीपी डॉ. चौबे कवि श्री दिग्गज स्वर्णाक्षर सम्मान से सम्मानित इंदौर। राष्ट्र प्रेम से सराबोर होकर स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर […]

कहानी-संग्रह ‘मोहरबंद’ विमोचित कहानी में नई सोच को स्थान दें युवा रचनाकार- श्रीमती सोलंकी इन्दौर । शहर के नवनिर्वाचित महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव ने आह्वान किया है कि ‘अपनी-अपनी मातृभाषा में अधिकाधिक संवाद करें, इससे मातृभाषा के विकास और विस्तार को गति मिलेगी। अपने हस्ताक्षर हिन्दी में करें।’ श्री भार्गव […]

आई टी इंजीनियर श्रुति पंवार का कहानी संग्रह है ‘मोहरबंद‘ इन्दौर । हिन्दी कहानी के सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जन्म जयंती के अवसर पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा आयोजित ‘प्रेमचंद स्मृति प्रसंग’ में रविवार को युवा रचनाकार श्रुति अखिलेश पंवार के कहानी संग्रह ‘मोहरबंद’ का विमोचन एवं चर्चा का आयोजन […]

‘घर घर हिन्दी’ अभियान भी होगा शुरू इन्दौर। हिन्दी भाषा के विस्तार और प्रचार के लिए कार्यरत मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी आंदोलन को अधिक प्रभावी एवं लाभकारी बनाने के साथ-साथ हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा कैसे बने और जनसामान्य कैसे हिन्दी से जुड़े! इसके लिए नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए […]

वीणा संवाद केंद्र, इंदौर द्वारा आयोजित व्याख्यान में बोले आईआईएमसी के महानिदेशक इंदौर। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी का कहना है कि डिजिटल और सोशल मीडिया के सक्रिय हो जाने के बावजूद प्रिंट मीडिया का अलग महत्व है। हमारे सामने भले ही चुनौतियां हैं, […]

प्रेस क्लब में आयोजित चाय पर चर्चा में डॉ. संजय द्विवेदी शामिल इन्दौर । ‘युवाओं का धर्म और समाज से जुड़ाव बढ़ रहा है, हम लिखते हैं पर दूसरे का लिखा पढ़ते नहीं हैं, इस आदत में बदलाव लाना ज़रूरी है। साहित्य और पत्रकारिता की राजधानी के रूप में शहर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।