भगवान और भक्त के बीच काठ का नहीं,आस्था व विश्वास का अटूट नाता है। श्रद्धा के इस पावन रिश्ते में हैवान का क्या काम?,पर नहीं हैवान तो भगवान से बढ़कर है। भगवान के दर पर इनकी जीती-जागती प्रतिमूर्ति नजर आती है। आस्था के नाम पर धर्म के बिचौलिए बन बैठे […]
मातृभाषा
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