नैतिकता क्या है?,सबसे पहले तो यह समझ लिया जाए। वास्तव में नैतिकता की परिभाषा ही बदल चुकी है। पुराने समय में जो भी नैतिक मूल्य थे,प्रायः देखने में आता है कि वे अब पूरी तरह से खो गए हैं। फिर भी यदा-कदा दिख जाते हैं तो थोड़ी उम्मीद जाग जाती […]

इन दिनों प्रायः देश के किसी-न-किसी भाग से गांव में घुस आए बाघ,हाथी आदि जंगली जानवरों की चर्चा होती रहती है। बस्ती के आसपास मित्र की तरह रहने वाले कुत्ते और बंदरों का आतंक भी यदा-कदा सुनने को मिलता रहता है। कुछ राज्य सरकारें इनकी नसबंदी करा रही हैं। इससे […]

महाराष्ट्र सरकार,प्लास्टिक मुक्त राज्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही हैl महाराष्ट्र राज्य में अगले साल के मार्च से पीने की पानी के लिए प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगाl स्वामी विवेकानंद जी से एक अमेरिकन ने पूछा-भारत और अमेरिका में क्या अंतर है ? विवेकांनद जी […]

`साहब` किसी भी प्रजाति का हो,साहब ही होता है। साहब की कई प्रजातियां होती हैं। साहब को साहब मानने का एक ही आधार है। साहब का एक पी.ए.(निज सहायक) हो। बिना पी.ए. साहब नहीं होता,और साहब के बिना पी.ए. नहीं हो सकटा है। इसमें एक फजीहत है। जिस तरह अस्पतालों […]

वर्तमान में बच्चों के भारी होते बस्तों से सभी त्रस्त हैं, लेकिन प्रतिस्पर्धा और सबसे आगे रहने की चाह में खुलकर कोई भी इसका विरोध नहीं करता हैl न ही खुद से कोई पहल ही करता है,क्योंकि बदले समय के लिहाज से अब यह आवश्यक लगता है। डिजिटल युग में […]

(राष्ट्रीय प्रेस दिवस विशेष) भारत जीवंत और विशालतम लोकतंत्र है। यह मात्र राजनीतिक ददर्शन ही नहीं है,बल्कि जीवन का एक ढंग और आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य है। इसी गुंजायमान लोकतंत्र का त्रिनेत्र पत्रकारिता में आलोकित है। अभिभूत,प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा कि,आज समाचार-पत्र सिर्फ खबर ही नहीं देते,वे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।