लो स्वागत कीजिए २०१८ का नई उमंग नव उल्लास के साथ लें नव संकल्प। घर में यदि आप अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे रहे हों तो नए साल में ये संकल्प जरूर लें कि हम हमारे बच्चों को धन के साथ समय भी देंगे। परिवार में बुजुर्गों का […]

हमारे आस-पास सब कुछ प्रकृति है,जो बहुत खूबसूरत पर्यावरण से घिरी हुई है। हम हर पल इसे देख सकते हैं और इसका आनंद उठा सकते हैं। हम हर जगह इसमें प्राकृतिक बदलावों को देखते,सुनते और महसूस करते हैं। हमें इसका पूरा फायदा उठाते हुए शुद्ध हवा के लिए रोज सुबह […]

बधाई हो!२०१४ में दिल से चुनी गई मोदी सरकार के ३ साल पूरे हो गए। पहली बार ऐसा हुआ कि, प्रधानमंत्री बनाने के लिए सरकार चुनी गई। सरकार के सरदार बने बचपन में चाय बेचने वाले नरेन्द्र मोदी,पर हुआ क्या देश का मुखिया बनते ही इन्होंने अपनी भारतीय जनता पार्टी […]

किन शब्दों में बयान करूँ मैं माँ को ? मेरे अस्तित्व का आधार,या मेरी श्वांसों में रची-बसी प्राणसुधा। मेरे व्यक्तित्व को रोशन करती लौ, या मेरे वजूद का बुनियादी ढाँचा। मेरी रुह में सम्मिलित रुहानियत,या मेरे संस्कारों की खुशबू….माँ को शब्दों में समेट पाना ,ईश्वर को परिभाषित करने जैसा है। […]

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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती विशेष: आज़ाद भारत के वैचारिक समन्वयक बाबा साहब —-अर्पण जैन ‘अविचल‘ धरती जब किसी चरित्रवान् नेतृत्व को जन्म देती है तो निश्चित तौर पर यह नेतृत्व का ही मान नहीं होता बल्कि धरती का भी गौरव स्थापित होता है | एसा ही एक गौरव मालवा […]

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-प्रभु जोशी अंग्रेजों के शताब्दियों तक जर-खरीद गुलाम रहे भारत जैसे मुल्कों के बीच, वहां के मीडिया द्वारा बहुत कारगर युक्ति से यह मिथ्या-प्रचार लगातार किया जाता रहा है कि अंग्रेजी ही ‘विश्वभाषा‘ है और उसका कोई ‘विकल्प‘ नहीं है। लेकिन अब सबसे बड़ी विडम्बना यही होने जा रही है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।