रोज की की भाँति आज भी रेखा स्कूल से जैसे ही घर पहुँची कि सुभाष ने तपाक से पूछा । आज भी बस से आयी न , किसी और की गाड़ी से तो नहीं ?…….. प्रतिउत्तर में रेखा ने कुछ न कह , चुपचाप अपना बैग खोला और उसमें से […]

वरिष्ठ अधिकारी  नवनियुक्त सिपाही से कहता है आज  आपको सी० आर० लेकर दिल्ली जाना है। सिपाही -श्रीमान जी, क्या मुझे अकेले जाना है वहाँ ?   अधिकारी -“हाँ अकेले जाना है तुम्हे ।” सिपाही  -नहीं ;  श्रीमान जी मैं सी०आर० लेकर नहीं जाऊँगा। वरिष्ठ अधिकारी-“आप अभी भर्ती होकर आए हो […]

“आज हिम्मत करके आया था कि आज तो प्रपोज कर ही दूंगा”! KST के किनारे लक्खी  बुर्ज पर मिलना था उससे!  मैं असमंजस में था कि क्या गिफ्ट दूं फिर अचानक से याद आया कि गोल्डन पेन दे देता हूँ  हमेशा साथ रखेगी!  Deo छीड़ककर मिलने को तैयार हुआ और […]

ओ कला !!! कहाँँ हो तुम ?  कब से आवाज दे रही हूँ । गली में चूड़ीवाला आया है । सुन्दर – सुन्दर चुड़ियाँ सजा रखी हैं उसने !  बड़बड़ाती हुई शकुन्तला देवी सीढ़ियों की ओर लपकीं । शायद अपने कमरे में होगी , कहते हुए उसके कमरे तक पहुँचीं […]

हलकू हर किसी काम को दरकिनार करता रहता था।वह केवल अपने अधिकार के बारे जानता था। कर्त्तव्य की बात आते ही वह पूरा वकील बन जाता था।                एक बार गाँव में आधार कार्ड बनाने वाले आ गए।आधार कार्ड निःशुल्क बनाए जा रहे थे। […]

मैं उसके बताये पते पर टाइम से पहले ही पहुँच गया था,  मिलने की ललक जो थी !  आसमान में पक्षी उड़ रहे थे और पानी की लहरें हिलोरे ले रही थी जैसे बाँहे फैलाकर प्रीतम से मिलने को आतुर हो!  KST के किनारे कबूतरों का झुंड और आसमान में  […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।