रिश्ते भी तो सारे , रंग बदलते हैं, कभी प्यार कभी, नफरत में रंगते हैं।। अपने मतलब के सांचे में, हरपल ये ढलते हैं। रिश्ते भी गिरगिट सा, रंग बदलते हैं।। जब तक हो गरज इनकी, फूलों से महकते हैं। काम निकलने पर ये, नागिन सा डसते हैं।। बदले की […]

कहो करोना क्या कर पाए, जब खुल जाऐं मधुशाला। जब कज़ा मुकाबिल खड़ी हमारे, तब बेमानी लगती हाला।। एक तरफ तो शिफा लाज़िमी, एक तरफ गड़बड़झाला। आमद में तल्लीन सियासत, श्वेत वसन मुद्दा काला।। क्यों मौतों को तौल रहे ‘वो’ , बनी हलाहल जब हाला।। बंद तिजारत करो कज़ा की, […]

मँहगी सब्जी मँहगी दाल मँहगा हुआ अचार है कोरोना के सँग सँग देखो मँहगाई की मार है। मची है देखो मारामारी गजब बड़ा ये ढा रही चरम पे कालाबाजारी जन जन को है रुला रही जीवन वायु को न छोड़ा कितना भ्रष्टाचार है कोरोना के संग,,, हर वो चीज हुई […]

मानव मानव सब एक समान न कोई छोटा न कोई बडा क्यों मैं ऊँचा क्यों वह नीचा क्यों मैं खास क्यों वह आम हम सब है प्रभु की सन्तान तब क्यों करते हम अभिमान विद्वान् हो तो झुकना सीखो धनवान हो तो नम्रता सीखो क्रोध का कर दो अवसान ईर्ष्या-द्वेष […]

ज़रा शर्म करो ओ हैवानों, ना इतने बड़े तुम पाप करो। दौलत के मद में अंधे होकर, ना मानवता का विनाश करो। आफत के इस अवसर में, स्वार्थ ना अपना सिद्ध करो। होकर लालच के वशीभूत, तुम ना खंजर से वार करो। मोल भाव कर डाला तूने, ना जाने कितनी […]

ये कैसे जमाना आया है,ये दुनिया कहां जा रही है। जैसे किए हैं कर्म इसने,वैसे ही ये फल पा रही हैं।। पेड़ काट काट कर दुनिया,प्रकृति का दोहन कर रही है। आज मुर्दे को जलाने के लिए लकड़ी भी न मिल रही हैं। ये कैसे संस्कार है दुनिया के अपनी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।