नज़ाकत समय की समझा करो नहीं हर एक से उलझा करो अपरिचित से न हाले दिल कहो मात्र दो बात कर चलता करो।।१ वैसे तो आवारा बनकर घूम रहे अंबर धरती उछल उछल कर झूम रहे जब मित्रों का प्यारा प्यारा साथ मिला अपनी उनकी गाथा सुनकर झूम रहे।।२ एक […]
काव्यभाषा
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