सात बरस के सांवरे,लीलाधारी श्याम। महाप्रभू के लाड़ले, हिय कीजे विश्राम।। हे जग नायक कुंज बिहारी। मेटो मन की पीढ़ा सारी।।1 कोंख देवकी जनम तुम्हारा। मातु यशोदा राज दुलारा।।2 संवत चौदह छाछठ आया। श्रावण कृष्णा तीज सुहाया।।3 रविवासर की प्रातः आई। प्रभु गोवर्धन प्रकटे भाई।।4 पहले वाम भुजा दिखलाई। ग्वाला […]

मोहब्बत भी क्या बला होती है। जब किसी से होती है तो सकून दिल का चैंन छीन लेती है और। आँखों और ओठो से पिलाती है।। दिलमें एक अजीब सी कंपन और सारी रात जगाती है। न खुद सोती है और न सोने देती अपनी सांसो को दिलसे मिलती है। […]

इस बात का डर है, वो कहीं रूठ न जायेंI नाजुक से है अरमान मेरे, कही टूट न जायें।। फूलों से भी नाजुक है, उनके होठों की नरमी I सूरज झुलस जाये, ऐसी सांसों की गरमी I इस हुस्न की मस्ती को, कोई लूट न जायें I इस बात का […]

धड़कनो को चलाने के लिए रक्त शरीर में होना चाहिए। रक्त की बूंदों से ही इंसान जीवित रहता है। इसलिए तो रक्त का शरीर में होना अति आवश्यक है। यह मानव शरीर में स्वयं ही खाने पीने आदि से बनता है।। करो रक्त का दान तुम औरों को जीवन देने […]

न मोती मिले न ख्वाब मिले, रेत की नदी में सदफ़ के सपने। हकीकत की धूप आंख में सपने , हदबंदी बाहर शग़फ़ के सपने। तेज़ हवा दिल पर खींचे कमान, सय्यारे सभी तरफ़ के सपने। बरसों के गम घूंटू दयार में, ज़िंदगी बनी कलफ़ के सपने । आंख है […]

पुरी अवंती राज में, किया भृतहरी राज। जन जन के थे लाड़ले, करते जन हित काज।। पुरी अवंती नगरी पावन। बहती शिपरा नीर सुहावन।।1 जय जय भरथरी महाराजा। गोरख चेला राज समाजा।।32 राज अवंती महिमा भारी। जन्में राजा मुनि सतधारी।।3 विक्रम संवत के अधिकारी। जिनके अग्रज थे भरथारी।।4 इंद्रसेन सुत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।