विकल वेदना तडपाती है बेबस मन को क्या समझाये मन में पीडा फिर जाग उठी फिर नीर नयन में भर आये अब आयेगा अब आयेगा वो राह द्वार पर तकती है सारी उम्मीदें टूट गईं फिर भी वह आशा रखती है बिना तेरे जीवन में बेटा कुछ भी नहीं हमारे […]

हम जिन्हें चाहते है वो अक्सर हमसे दूर होते है। जिंदगी याद करें उन्हें जब वो हकीकत में करीब होते है।। मोहब्बत कितनी रंगीन है अपनी आँखो से देखिये। मोहब्बत कितनी संगीन है खुद साथ रहकर के देखिये।। है कोई अपना इस जमाने में जिसे अपना कह सके हम। और […]

आओ अपने तन मन से, दूर सभी हम रोग करें । आओ मिलकर योग करें, स्वास्थ्य हमारा अच्छा हो, तो सारा सब कुछ है अच्छा, रोग ग्रसित अब नहीं रहेगा, भारत का एक भी बच्चा । सूर्य उदय से पहले उठ कर, करते हैं जो समय से काम , सदा […]

एक छोटा सा बीज.. उसे क्या करना है पता नहीं.. खिलना और बस खिलना.. सिर्फ महसूस होता है.. वह गर्मी और प्रकाश की ओर आकर्षित होता है..और तब.. प्रक्रिया बिना प्रयास के अपने आप सामने आ जाती है.. अगर हम इंसान के रूप में.. खुद को निर्देशित होने की अनुमति […]

रातों रात कैसे वो मालामाल हो गए चापलूस है कोई यहां,दलाल हो गए पाल रखे जिसने गुंडों की फौज को गोश्त बटे और मुर्गे भी हलाल हो गए गुनहगार जो रहें गिरफ्त में नहीं उठ रहें फिर से कई सवाल हो गए धक्का मुक्की खींचातानी चल रहीं बातों- बातों में […]

मिलोगें तुम अगर देशके लोगों से तो उनकी भावनाओं को समझोगे। और देशके प्रति उनके भावों को तुम निश्चित ही समझ पाओगें। फिर देशप्रेम की ज्योत जलाओगें और भारत को महान देश बनाओगें। और इस कार्य में हम सभी अपनी भूमिकाओं को निष्ठा से निभायेंगे।। करना है देश के लिए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।