शत्रु के लिए तलवार थी प्रजा के लिए पतवार थी । ममता, वात्सल्य की मूर्ति ऐसी रानी दुर्गावती थी ।। वह गढ़मंडल की रानी थी बहादुरी की वह निशानी थी। सशक्त नारी के प्रतिरुप में वह प्रजा की कल्याणी थी ।। बुंदेलखंड जग जानी थी जहाँ दुर्गावती मर्दानी थी। हाथों […]

झांसी गले की फांसी,दतिया गले का हार, ललितपुर न छोड़िए,जब तक मिले उधार। जब तक मिले उधार,ललितपुर कभी न छोड़े, चाहे कितने कष्ट मिले,लगते रहे तुमको कोड़े। कह रस्तोगी कविराय,सुनो भई ललितपुर वासी, ललितपुर न छोड़ना, बनेगा एक दिन ये झांसी।। आर के रस्तोगी गुरुग्राम Post Views: 405

तू निराश क्यों खड़ा है? किस दुविधा में पड़ा है? कर खुद पे तू भरोसा। प्रभु सँग तेरे खड़ा है। यूँ ही नहीं है मिलती, जग में कोई सफलता। तन मन और लगन से, है कर्म करना पड़ता। तू निराश…….. बेचारा नहीं तू बन्दे, ईश्वर की तू है रचना। एक […]

मोहब्बत जो करते है वो अंजाम से नहीं डरते। क्योकिं ये पग पग पर हमारा इंतहान लेती है।। क्या दिलमें तेरे उमंगे है दिलको छेड़ने के लिए। क्या दिलमें तेरे तरंगे है दिलरुबा को प्रेमरस के लिए। तभी तो मधुर गीत गाते है चांदनी रात में मिलकर।। वो आँखों को […]

शरीर को अगर रोग मुक्त तुम्हे रखना है। योग को जीवन में सदा तुम्हे रखना है।। पहला सुख निरोगी हो काया, दूसरा सुख घर में हो माया। तीसरा सुख संत्वंती हो नारी, चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी। अगर इन सुखों को तुम्हे पाना है, योग को जीवन में तुम्हे अपनाना […]

रोज सबेरे तुम सब जागो नित्य क्रियाओं से निवृत हो। फिर योग गुरु को याद करो और योग साधना तुम करो। स्वस्थ और निरोगी रहोगे तुम और एकदम सुंदर दिखाओगें। मानव शरीर का अंग व पुर्जा एक दम से तुम्हारा चुस्त रहेगा।। बाग या घरका आंगन में तुम नित्य करो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।