सुनो सुनती हूँ देश की कहानी। जिस में सबसे बड़ी समस्या है जनसंख्या बृध्दी। जिसके कारण देश की व्यवस्था लड़ खड़ा जाती है। बचानी है अर्थ व्यवस्था तो जनसंख्या पर नियंत्रण करना पड़ेगा।। करो पालन परिवार नियोजन के तरीको का। और पहला बच्चा लोगो जल्दी नहीं। और दूसरे में अंतर […]

जनसंख्या विस्फोट से, होगा जग का विनाश। जन जन को बड़ा तड़पाएगी, देखो भूख और प्यास। रहने को जगह ना होगी, ना छत होगी सिर पर कोई। ना तेरा कोई जोर चलेगा, ना चलेगी तेरी हट कोई। खाने को भोजन ना होगा, ना पीने को होगा पानी। याद तुझे फिर […]

एकदूजे को दर्द से उबारना चाहिए भुलाकर भेद सारे संवारना चाहिए सोच रहा हूं गम क्यों इज़ाद हो रहा क्यों न इसे मिलकर मारना चाहिए कर रहे आवाम के दुश्मन मनमानी अब तो हमे इन्हें ललकारना चाहिए बोझिल हो गई साँसे दम भी घुट रहा लगा पौधे धरा का कर्ज […]

मेहनत लगन और निष्ठा का फल क्या मुझे मिलेगा। बनाया है जो आशियाना क्या उसमें रहने को मिलेगा। या ये भी एक यादगार और स्मारक बनकर खड़ा रहेगा। जो मोहब्बत की कहानी को अपने अंदाज में कहेगा।। महफ़िल में रंग हम जमाते थे। जब वो हमारे साथ होते थे। हम […]

मेरे मन में बस जाओ कन्हैया मेरे, सुबह उठते ही तुम्हें मै निहारा करूं। चराते हो जो गईया मधुबन में प्रभु उन गाईयो का मैं नित्य दुग्ध पान करू। बजाते हो बंसी जो यमुना तट पर उस बंसी की तान में रोज श्रवण करू। खाते हो जो माखन मिश्री प्रभु […]

जो मोहब्बत को दूर से देखता है। उसे ये बहुत अच्छी लगती है। और जो मोहब्बत करता है उसे ये जन्नत लगती है।। जिंदगी का सफर यूँ ही कट जायेगा। जीवन का उतार चड़ाव भी पुरुषात से निकल जायेगा। पढ़ना है यदि खुदको तो दर्पण के समाने खड़े होना। और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।