जिसने किया अहंकार, उसका हुआ ना बेड़ापार। उसके हिस्से में आए, सदा दुःखों के अम्बार। हमसे बंधे हैं जो रिश्ते प्यारे, उनके लिए हैं कुछ फर्ज हमारे। हाय करना उनसे सदा प्यार, ना करना उनसे तकरार। मिलेंगे तुझको भी सदा, खुशियों के उपहार। जिसने किया…….. दौलत शौहरत पे ना इतराना, […]

कभी दिलकी सुनकर देखो। उसकी धड़कनो को पहचानो। फिर संजय के दिलको सुनो। शायद तुम्हारा दिल पिघल जाये। और दिलमें मोहब्बत जग जाये।। दिल को दिल में देखो। सोये प्यार को जगा के देखो। चाँद तारों के बीच में दिल चमकता दिखेगा। तब तुम्हें मोहब्बत होने का पता चलेगा।। मोहब्बत […]

उगता सूरज दिखा रहा है,जादू अपनी किरणों से, ओस के मोतियों को,पिरोता है अपनी किरणों से। बिगुल बजा देता है,उठो भोर अब हो गई है दोस्तो अलसाई आंखो से नींद चुरा लेता अपनी किरणों से।। आर के रस्तोगी गुरुग्राम Post Views: 424

पड़ी है भू पर आज पहली फुहार। दिल गाने लगा है नए नए मल्हार। पहली फुहार में बच्चे हुए मस्त- मतंग। दिल में आने लगी उनके एक नई उमंग। पड़ते ही पहली फुहार झूमे डाली डाली। चारो तरफ भू पर छा गई है हरियाली। पड़ती है जब धीरे धीरे नन्हीं- […]

ये दिल कमवक्त किसी न किसी पर आ जाता है। भले ही सामने वाला इसे पसंद करे न करे। पर ये दिल उन्हें देखकर बहक ही जाता है। और मोहब्बत का बीज यही से अंकुरित होता है।। दिलकी पीड़ा सहकर गीतकार बन गया। मेहबूब को फूल भेजकर उसके आशिक बन […]

आज के दौर का दोस्तो क्या हाल है। आधुनिकता के नाम पर बेशर्मी का ये दौर है। न अदब न शर्म और न ही बची संस्कृति और सभ्यता। इसे ही कहते है लोग आज की आधुनिकता आज की आधुनिकता….।। इसलिए संजय लिखता और कहता मंच से। कि कलम की स्याही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।