अम्बर सारा नाप लिया, एक पैर से तुमने। नामुमकिन को मुमकिन, कर दिया तुमने। लाचारियाँ ना रोक सकीं, अरुणिमा तेरी राह। सहे थे दर्द लाखों पर, ना निकली मुंह से आह। दुष्टों तुझे फेंक दिया, चलती ट्रेन से। उस दिन से ना सोई तू, कभी भी चैन से। गवां के […]

हर रोज़ ईद का त्यौहार होता है । जब मुझे आपका दीदार होता है ।। आपके नूर की रोशनी से हरदम । रोशन ये फ़लक हर बार होता है ।। मुश्क़िलें हो जाती हैं आसां मेरी । दुआओं से बेड़ा पार होता है ।। पड़ते हैं जब आपके मुबारक क़दम […]

बढ़ेगी जब जनसंख्या, अच्छे दिन कैसे आयेंगे। होगे जब दस दस बच्चे,फिर बुरे दिन तो आयेंगे।। बढ़ रही जनसंख्या कैसे नियंत्रण कर पाओगे। हुआ न नियंत्रण,देश का विकास न कर पाओगे।। पड़ी है बेड़ियां जनसंख्या की भारत मां के पैरो में। चलता रहा देश ऐसा,रोड़ी चुभेगी मां के पैरो मे।। […]

आज के इस डिजिटल युग में जहां हर काम डिजिटल होता जा रहा है , तो शिक्षा का क्षेत्र इससे कैसे अछूता रहता । वैसे भी हमारी शिक्षा व्यवस्था में हाल के वर्षों में काफी बदलाव हुआ है । एक समय था जब हम ऑफलाइन शिक्षा पर आश्रित थे । […]

तुम हो आशा हमारी, जीने का सहारा तुम हो। भवसागर में फंसे हम, जिसका किनारा तुम हो। तुझसे है धरा पर जीवन, तुझसे ही साँसे हमारी। तुझसे हर सुबह हमारी, तुझसे ही रैन हमारी। रखना ख्याल सबका, बस इतनी सी कृपा हो। भवसागर में फंसे हम, जिसका किनारा तुम हो […]

हे कविवर ! रुको न तुम, झुको न तुम न हो निराश, करो नित सत साहित्य सृजन सदा रहो शारदे तप लीन । तुम्हें करना है चमत्कार दिखाना है समाज को आईना ताकि बदल जाये जग की दिशा- दिशा तुम्हें लड़ना है अन्याय, अधर्म से मिटाना है शोषण । हे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।