रंग बिरंगा पतंग ये कैसे आकाश में उड़ता जाता है बिना किसी डर के जैसे आसमान को छूना चाहता है पर उसकी उड़ान को देखो लोगो के मन में खटकती है उसे रोकने गिराने को कई साजिसे रचती है लाख कोशिशे करे जो कोई सबसे ऊंची उड़ान वो भरता है […]

अच्छे दिनों वाली कहानी नहीं है बेरोजगारी में आमदानी नहीं है जुमले के सिवा यहाँ मिला क्या है कैसे न कहें कि मनमानी नहीं है विकास तो कागजों में नजर आया सच यही सड़क नहीं तो पानी नहीं है तड़प इतनी भूख से मर रहा कोई सुध नहीं,किसी की मेहरबानी […]

मोबाइल भैया गजब ही ढावें, ऑनलाइन जब पढ़ाई करावें। थोडी देर तो क्लास चलावें, फिर बच्चों का जी ललचावें। कार्टून की फिर याद दिलावें, चोरी चोरी से गेम खिलावें। लत बुरी बच्चों को लगावें, मन बच्चों का खूब भटकावें। मम्मी पापा को बुद्धू बनावें, पढ़ने का बच्चे नाटक बनावें। मोबाइल […]

पतझड़ बन जाये बसंत मिले प्रकाश, तम का हो जाये अंत गुरुवर पाकर एक झलक सुहावनी कठोर पाषाण पिघल बन जाए पानी हमको दिया आपने ज्ञान तेज घुमड़ता था भीतर अज्ञान वेग ईश्वर से भी आगे गुरुवर करें हृदय से बारंबार सदा आदर हर प्रकार से हम तो थे नादान […]

यूँ ही दिल को तड़पना ठीक नहीं है। गमो के सागर में डूबे रहना ठीक नहीं है। एक बार तो दिलसे उसे तुम याद करो। शायद उसकी तस्वीर तेरे दिलमें छाप जाये। और तेरी तड़प फिर मिट जाये।। जैसे जैसे चाँद धरा पर चांदनी को बिखेरता है। वैसे वैसे दिलमें […]

आंतरिक व्यक्तित्व से ही ये मन का गहना होता है जीवन पथ पर अग्रसर ये सर्वत्र मनमोहना होता है मनुष्य की भाव भंगिमा हृदय का दर्पण होती है कर्मों की अजब कहानी स्वयं को अर्पण होती है। जीवन पथ की बाधाओं में कष्ट साध्य से सहना है नित्य संघर्षों से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।