नजर आता है वह मेरे अफ़ाक़ पर रोशन आफताब की तरह । हयात भी उसे गुनगुनाती दीवाने – खास ग़ज़ल के किताब की तरह। उसकी खुशबू से महकता बज़्म बहकता शामें सहर शराब की तरह। मदहोश करती नज़रें लब छूतें लफ़्ज़ जाज़िब पैगाम देती आदाब की तरह। जुस्तज़ू उसकी आरज़ू […]

लिहाज़ एक झीना सा पर्दा ही तो है जिसके सहारे हम-आप अपना असली चेहरा छुपाते फिरते हैं यह सोच कर- कोई देख नहीं रहा। भलाई भी इसी में है- यह पर्दा कायम रहे वर्ना हकीकत सरेआम जो हो जाएगी। अर्द्धेन्दु भूषण इन्दौर, मध्यप्रदेश लेखक वर्तमान में दैनिक प्रजातंन्त्र के सम्पादक […]

कुरुक्षेत्र की भूमि पर गिरा हर वो शख्स कृष्ण थे, गदा धनुष विलीन भाल देह रक्त कृष्ण थे। पार्थ के सारथी कर्ण के भी मित्र थे । युधिष्ठिर की प्रतिज्ञा तो दुर्योधन का लक्ष्य थे । पांडवों की जीत कौरवों की हार थे रण क्षेत्र में चारों तरफ भगवान ही […]

मैं एक उड़ती चिड़िया सी, किस ओर निकल जाऊँ कह नहीं सकती पंख फैलाए आसमान में क्षितिज को छू आऊँ कह नहीं सकती। कभी बैठूं मैं इस डाल पर कभी निकल जाऊ दूर गगन कभी मुंडेर पर बैठ गाऊँ। कभी पानी में करू छपक मुझे पाना नहीं है कुछ, न […]

कन्धों पर चढ़कर यहाँ तक नहीं आए हैं रात से सुबह तक में यहाँ तक नहीं आए हैं सहे हैं कई दर्द और घाव पैरों ने सफ़र में किसी की बदौलत यहाँ तक नहीं आए हैं बड़ी मेहनत से बुना है हमने भी ताना-बाना किसी की गाली सुनी किसी का […]

आम मतलब हर पल किसी अनहोनी की आशंका में डरा हुआ आदमी इसी बात से खुश आदमी तो है मगर इसका कोई मतलब भी है हर वक्त खुद से भागता कल का समय काटने के बहाने ढूंढ़ता अपने बच्चों तक से झूठ बोलता कोई चेहरे का दर्द न पढ़ सके […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।