वो जब भी ज़हन में आया – जाया करता है, दिल का काग़ज़ नम हो जाया करता है ! यूँ अंदर – अंदर सूखे के हालात बहुत, दिल बाहर – बाहर जश्न मनाया करता है ! दिल जैसे कोई डरा हुआ सा परिंदा जो, बस आहट पाते ही उड़ जाया […]
काव्यभाषा
काव्यभाषा
शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी चंद्रघंटा सौभाग्य दात्री प्रत्यंगे परमेश्वरी दयामूर्ति सिद्धिदात्री कुष्मांडा ह्रदय प्रांगणे अभिनंदन हृदयेश्वरी नवरूपा अष्टभुजा स्कंदमाता महामाया कृपालिनी मंगलमयी दुर्गेश्वरी शिवानी क्षमाधात्री कात्यायनी स्वधा विशालाक्षी त्रिपुर सर्वेश्वरी जंयति मंगलाकारी कालरात्रि अम्बे नमोस्तु सर्वस्वदायिनी भुवनेश्वरि शंखनी कौमारी महागौरी रणमत्ता रणप्रिया सृष्टिकर्ती महेश्वरी सर्वसुख प्रदायिनी सिद्धिदात्री मधुकैटभ विध्वंसनी आद्यशक्ति दंतेश्वरी डॉ […]