महावीर प्रभु शक्ति दो, मन में भक्ति अपार हो। बनूँ विवेकी ईश मैं, नव उमंग रस धार हो।  भगवन हिम्मत दो मुझे, इस मन में नित आस हो। हे प्रभु, संकट में मुझे, तेरा ही विश्वास हो। बाधाओं के भँवर से,  यह बेड़ा अब पार हो। महावीर प्रभु शक्ति दो, मन […]

‘जियो और जीने दो’ का स्वामी ने विश्व मानव को पाठ पढ़ाया, आत्म-संयम की दे प्रेरणा महावीर प्रभु नाम कमाया।। शासक से बने महा तपस्वी ‘जिन शासन’ शांति का आधार, प्रारब्ध से आत्म मुक्ति का संयमित जीवन युक्ति है प्रहार।। अहिंसा परमोधर्म:, सत्य वचन, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मश्चर्य, भगवान महावीर […]

यदि आप कविता लिखते हैं तो मातृभाषा डॉट कॉम लाया है आपके लिए कविता लेखन प्रतियोगिता। महावीर जयंती विशेष कविता प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिसमें भगवान महावीर स्वामी या उनसे जुड़े विषय पर अपनी कविता लिखकर भेज सकते हैं, जिसका प्रकाशन मातृभाषा डॉट कॉम पर होगा। 〰〰〰〰〰〰〰〰〰 प्रतियोगिता […]

कविता की बात हो तो सबसे पहले उसका भाव, फिर कलापक्ष और फिर उसका शिल्प आकर्षित करता है। विश्व कविता दिवस पर मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा अपने कुछ कवियों की रचनाएँ संग्रहित कर पाठकों के लिए ख़ास तौर पर तैयार किया गया जिसमें आप नौ कवियों की कविताओं का आनंद […]

किसी शांत नदी सी तुम, मजबूती से संभालता किनारा सा मैं, कभी इठलाती सी, किनारे के कांधों पर सिर रखती तुम, और सहलाता मैं, कभी उद्वेलित हो, मर्यादा लांघती तुम, और निराशा से हताश देखता मैं, कभी सिरहाने तो कभी सूखती सी बहती तुम, आसमां में बारिश की टकटकी लगाता […]

फैसले अक्सर गलत हो जाते हैं शायद इसमें आपका दोष नहीं होता यह एक समयचक्र है जिसमें आप को सही-गलत का भान नहीं होता। अफसोस तो तब होता है जब दूसरे इसका लाभ उठाते हैं यह सोचकर कि उनसे कोई गलत फैसला नहीं हो सकता। ऐसे लोग इंतजार करें क्योंकि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।