आरक्षण के मुद्दे पर चुनावी राजनीति से प्रेरित मोदी सरकार ने दो सोचे समझे कुटिल कदम उठाये हैं| एक, जाति-आधारित जनगणना न कर, घोर जातिवादी सवर्ण मानसिकता को भुनाने के लिए| और दूसरा, 127वें संविधान संशोधन के माध्यम से, लुप्त होती सरकारी नौकरियों के परिप्रेक्ष्य में ओबीसी बन्दरबाँट पर अनुकूल […]