मातृभाषा उन्नयन संस्थान ने आभार व्यक्त किया वाशिंगटन। शुक्रवार को पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र हिन्दी भाषा सहित आधिकारिक और गैर-आधिकारिक भाषाओं में महत्वपूर्ण संचार और संदेशों का प्रसार जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने एक उल्लेखनीय पहल करते हुए […]

फिल्म ‘जनहित में जारी’ में बॉलीवुड एक्ट्रेस नुसरत भरुचा के साथ किया अभिनय इंदौर। कुछ लोग कहते है हिन्दी जानने समझने वालों के लिए अवसर उपलब्ध नहीं होते पर इस बात को ग़लत साबित किया है इन्दौर की बेटी सौम्या व्यास ने। हिन्दीभाषी इन्दौर निवासी रंगमंच और फिल्म अभिनेत्री सौम्या […]

व्यंग्य का स्थान अख़बारों में ज़रूरी- गिरीश पंकज इन्दौर। ‘व्यंग्य का अख़बारी दुनिया में बहुत महत्त्व है, बिना व्यंग्य के समावेश के अख़बार अधूरा माना जाता है। इसी के साथ वर्तमान दौर में साहित्य पत्रकारिता को भी पुनर्जीवित करना आवश्यक है।’ उक्त बात रायपुर से पधारे व्यंग्य श्री, वरिष्ठ साहित्यकार […]

राष्ट्र की सम्पूर्ण संकल्पना, उसके होने का मतलब, उसकी कार्ययोजना, उसकी संस्कृति, उसकी भाषा, लोकव्यवहार और आचरण सबकुछ उसके निवासियों की जागृत मेधा से उन्नत है। और इन्हीं की चिंता और संगठनात्मक परिचय से मिलकर शब्द बनता है राष्ट्रवाद । राष्ट्रवाद शब्द में पहले पायदान पर राष्ट्र आता है, उसके […]

माँ का जब भी लिया नाम मिल गए तभी चारों धाम माँ ही प्रभु माँ ही भगवन माँ तुझे करते नमन वंदन। माँ कभी लगे धूप छाँव सी पहेली माँ कभी पाठशाला अलबेली सी माँ कभी डांटे तो कभी पुकारती माँ जीवन मूल्य का पाठ पढ़ाती। माँ की लोरी सरिता […]

वर्तुलाकार में घुमती ज़िन्दगी इसी चक्रव्यूह में रहने और निकलने के बीच दृश्य होती है, प्रकृति की अठखेलियों और मानव जीवन की समानता। देखती हूं अपनी खिड़की से एक छोटा टूकड़ा व्योम का उस पर टंका हुआ है चांद अपनी पूरी चांदनी बिखेरता कहीं दूर बैठी धरती पर। देख लेती […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।