● भावना शर्मा, दिल्ली कविता मानव मन के मनोभावों को शब्दों के मोतियों के रूप में गढ़ने का कार्य है और उन कविताओं का पुस्तकबद्ध हो जाना यानी कि सैंकड़ो मोतियों को एक माला में गूँथकर सुंदर गलकंठिका बनाने जैसा कार्य है। निश्चित तौर पर जैसे यह गलकंठिका रूपसी के […]

‘राजनीति के बिगड़े बोल’ पर समाचार ग्रह की परिचर्चा सम्पन्न भाषा विवेक का ध्यान रखना आवश्यक- श्री तिवारी जीवन के हर क्षेत्र में भाषाई संयम ज़रूरी- कवि गौरव साक्षी इन्दौर। शब्दों की संहिता से आत्मा, समाज और देश का निर्माण होता है, शब्द ही हथियार होते है और मलहम भी। […]

इन्दौर। अप्रवासी भारतीयों में भी हिन्दी के प्रति प्रेम और हिन्दी के विस्तार के लिए कर्मठता है। इसी कड़ी में दुबई, युएई में कार्यरत, प्रोफेसर व दुबई काव्य मंच के अध्यक्ष डॉ. नितिन उपाध्ये को मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा शनिवार को इन्दौर प्रेस क्लब में आयोजित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में […]

डॉ.प्रेरणा ठाकरे की पुस्तक महक जाफ़रानी लोकार्पित इन्दौर। हमारा साहित्य बहुत समृद्ध है, हमें इसे समृद्ध मानना होगा। हिन्दी की दुर्दशा कभी नहीं हो सकती। अब तो हाल यह है कि भारत को समझने के लिए विदेशी भी हिन्दी सीख रहे हैं।’ यह बात भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव […]

कविता में युवाओं के कारण सशक्तता -डॉ. दवे तिरंगा डोल रे- नीलोत्पल मृणाल सिर्फ़ शम्भू ही स्वयंभू है- गौरव साक्षी प्राचीन साहित्य को नई पीढ़ी तक लाना ज़रूरी है-एसीपी डॉ. चौबे कवि श्री दिग्गज स्वर्णाक्षर सम्मान से सम्मानित इंदौर। राष्ट्र प्रेम से सराबोर होकर स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर […]

कविकुल के गौरव और पूर्व प्रधानमंत्री पं. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने लिखा है कि ‘भारत केवल एक भूमि का टुकड़ा नहीं बल्कि जीता–जागता राष्ट्रपुरुष है’ अर्थात् स्पष्ट तौर पर भारत के भारत होने का कारण यहाँ की संस्कृति,यहाँ के संस्कार और यहाँ की विरासत है। भारत की ताक़त, भारत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।