वामा साहित्य मंच में इन्दु पराशर अध्यक्ष और शोभा प्रजापति सचिव मनोनीत

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नीलम तोलानी के पास वामा में प्रचार प्रसार का दायित्व

इन्दौर। शहर साहित्यिक कार्यों की समृद्धता के लिए पूरे देशभर में अपना दख़ल रखता है। कई संस्थाएँ शहर इन्दौर का नाम अपने साहित्य सेवा के कार्यों से देशव्यापी प्रसिद्ध कर रही है उसमें से एक महिला लेखिकाओं की संस्था वामा साहित्य मंच भी है। बीते दिनों वामा की नवीन कार्यकारिणी का गठन किया गया है, जिसमें वरिष्ठ लेखिका इंदु पाराशर को अध्यक्ष, डॉ शोभा प्रजापति सचिव पद पर मनोनयन हुआ। इसके साथ ही अमर चड्ढा निवर्तमान अध्यक्ष सहित ज्योति जैन और वैजयंती दाते उपाध्यक्ष, स्मृति आदित्य और अंजना मिश्र सहसचिव, रूपाली पाटनी कोषाध्यक्ष, नीलम तोलानी और विभा व्यास प्रचार – प्रसार एवं प्रतिभा जैन, मधु टाक, रागिनी सिंह, संगीता परमार कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किए गए। नई कार्यकारिणी का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। यह जानकारी बुधवार को इन्दौर प्रेस क्लब में वामा द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में बताई।

बुधवार को पत्रकार वार्ता में वामा साहित्य मंच की नवनिर्वाचित अध्यक्ष इंदु पाराशर ने बताया कि ‘वामा संस्था में डेढ़ सौ से अधिक लेखिकाएं सदस्य हैं जो विभिन्न विधाओं में लेखन कार्य करती रहती हैं। संस्था का गठन सात वर्ष पूर्व किया गया था। पिछले छः वर्षों से वामा साहित्य मंच अनेक साहित्यिक आयोजन व गतिविधियां करता आया है। कोरोना काल में भी मंच ने ऑनलाइन आयोजनों के माध्यम से साहित्यिक गतिविधियों को जारी रखा।’

इसके साथ ही मंच की गतिविधियां वर्षभर चलती रहती हैं। वामा साहित्य मंच ने अगले तीन माह की गतिविधियों की कार्ययोजना भी बना ली है। मंच अपनी त्रैमासिक पत्रिका भी निकालने जा रही है। वामा साहित्य मंच से विदेशों से भी कई महिला लेखिकाएं जुड़ी हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।