डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ देश की माटी का गौरव, समाज का अस्तित्व, जन का मान, सर्वहारा वर्ग की चिन्ता, हर तबके का विशेष ख़्याल, भाषाई एकता और अखण्डता के बीच हिन्दी की स्वीकार्यता, राष्ट्र की आज़ादी के रण के नायक, नेतृत्वकर्ता, सत्यवादी, मितव्ययी, स्वावलम्बी, समरस और सर्वहितैषी, राजनीति की कलुषता […]

महीने भर चली प्रतियोगिताएँ और आयोजन दिल्ली। भारत में हिन्दी भाषा के विस्तार और प्रसार के लिए कार्य करने वाले मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी महोत्सव 2022 का आयोजन किया गया, जो पूरे सितम्बर महीने मनाया गया। हिन्दी महोत्सव 2022 के अंतर्गत देश के विभिन्न शहरों में कई कार्यक्रम आयोजित […]

· डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ हर दिन त्योहार, हर दिन पर्वों के आनंद का उल्लास, पर्वों की परम्परा में आनंद की खोज और उसी खोज से अर्जित सुख में भारत भारती की आराधना करते हुए प्रसन्न रहने का भाव इस राष्ट्र को सांस्कृतिक समन्वयक के साथ-साथ उत्सवधर्मी भी बनाता है। […]

इन्दौर। हिन्दी कवि सम्मेलन अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस शताब्दी वर्ष की स्मृतियों को स्थायी बनाने के उद्देश्य से कवि सम्मेलन की नवांकुर पीढ़ी को मातृभाषा उन्नयन संस्थान ‘काव्य दीप सम्मान’ से सम्मानित कर उन्हें हिन्दी कवि सम्मेलन के शताब्दी वर्ष से जोड़ेगा। मातृभाषा उन्नयन संस्थान […]

इंदौर । विश्व हिन्दी साहित्य सेवा संस्थान प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) द्वारा अहमदनगर (महाराष्ट्र) में आयोजित अखिल भारतीय 18वां साहित्य मेला में इंदौर के दो वरिष्ठ रचनाकारों को सम्मानित किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम वाजपेयी (इंदौर) को रजत पदक, मुकेश तिवारी (इंदौर) को पत्रकारश्री और मप्र की डाॅक्टर लता अग्रवाल (भोपाल) को […]

इंदौर। हिंदी पत्रकारिता के शीर्षस्थ संपादक स्वर्गीय श्री राहुल बारपुते के व्यक्तित्व एवम कृतित्व पर पत्रकारिता एवम जनसंचार अध्ययनशाला, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा हिंदी दिवस पर एक विमर्श का आयोजन किया गया । इस अवसर पर शोध पत्रिका समागम का बारपुते जी पर केंद्रित विशेष अंक ‘हिंदी पत्रकारिता के बाबा’ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।