फसल कट जाने के बाद आदिवासी मजदूर बेकार हो जाया करते थे। हर वर्ष उस समय शहर से एक ठेकेदार वहां आता था और उन सब को शहर ले जाकर मजदूरी कराया करता था। इस बार फसल कट चुकी थी, पर ठेकेदार नहीं आया था। गांव की उस बस्ती के […]
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यह मेरा नहीं मेरी रचनाधर्मिता का सम्मान है- डॉ. पगारे इन्दौर। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शरद पगारे को बुधवार शाम के.के. बिड़ला फ़ाउंडेशन द्वारा प्रतिष्ठित तीसवाँ व्यास सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके उपन्यास ‘पाटलिपुत्र की साम्राज्ञी’ के लिए दिया गया। इंदौर प्रेस क्लब के राजेन्द्र माथुर सभागार में […]