कौन हैं रमेश चंद्र शर्मा, जानिए ‘लहरों पर सवार ज़िन्दगी’ के लेखक को

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भारत की आज़ादी के ठीक 10 वर्ष बाद मध्य प्रदेश के धार में पिता रामगोपाल शर्मा जी के घर रमेश चंद्र शर्मा का जन्म हुआ।
आपने स्नात्तकोत्तर हिंदी साहित्य, राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र, विधि स्नातक, आयुर्वेद रत्न, अद्यतन प्रथम श्रेणी तक शिक्षा प्राप्त की। 5 वर्ष सहायक प्राध्यापक हिंदी की नौकरी की तत्पश्चात डाक विभाग में सेवाएँ दीं और केंद्रीय सेवा से सेवानिवृत्त हुए। साहित्यिक जीवन की शुरुआत-1978 से हुई। केंद्रीय सेवा के दौरान लेखन कार्य स्थगित रहा परंतु सेवानिवृत्ति के बाद पुनः अनवरत लेखन जारी है। अब तक आप सात से अधिक साझा संग्रहों में भागीदारी कर चुके हैं व आपका एकल काव्य संग्रह ‘लहरों पर सवार ज़िन्दगी’ संस्मय प्रकाशन, दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। आपको विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। आकाशवाणी से दर्जनों कविता, कहानियाँ, नाटकों का प्रसारण हुआ है। आपने कुछ साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन कार्य भी किया है। वर्तमान में आप साहित्यिक सक्रियता के साथ-साथ दिव्यांगों के हितार्थ कार्यरत संघ के अनुषांगिक संस्था “सक्षम” में सेवा कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में आपका निवास इन्दौर, मध्य प्रदेश में है। लगातार लघुकथा, कविताओं के लेखन के चलते रमेश शर्मा जी साहित्यिक समृद्धता के साथ कार्यरत हैं। हिन्दी सेवार्थ आप मातृभाषा उन्नयन संस्थान से भी जुड़े हैं।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।