एक प्यारी सी मां मिली थी देखते ही उसे मेरी बांछे खिली लगा जैसे लौट आई हो मां अपने एक नए से स्वरूप मे वास्तव में मां तो मां ही होती है फिर चाहे मेरी मां हो या उसकी मां का कोई मजहब नही होता मां की कोई जात भी […]
सबसे आसान काम है दिल्ली घेरना। जिसे देखो दिल्ली घेरने चला आता है। इनदिनों अन्नदाता भी दिल्ली घेरने के लिए चले आये हैं और कह रहे है कि वे अपनी मांगों के पूरी होने तक दिल्ली में डटे रहेंगे। डटे रहने तक लंगर का भी पूरा इंतजाम उनके पास है। […]
लड़ाकर तुमसे नैना,मै तो फस गई, तेरी मन मोहनी मूरत मन में बस गई। ग्रीष्म ऋतु जाकर,शरद ऋतु आ गई, तेरी प्रतीक्षा करते करते,मै तो थक गई। आ जाओ मेरे सनम,रात बहुत हो गई, जगते जगते सारी रात,यूंही कट गई। आता नहीं चैन,अब तो भीगी भीगी रातो मे, बिन घटा […]
नीलिमा को लौटने में बहुत देर हो गई थी । वैसे भी वह चार दिन बाद अपने घर लौटी थी । घर क्या किराये का एक कमरा जिसमें वह केवल रात को सोने ही आती थी दिन भर तो उसे अस्पताल में मरीजों के साथ रहना पड़ता था । उसे […]
सीवान, बिहार | बिहार के सीवान जिला के चैनपुर गाँव के भीष्म प्रसाद के पुत्र रुपेश कुमार जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहें ने साहित्य मे पूरे भारत मे अपना परचम लहराया है ! रुपेश भौतिक विज्ञान से स्नाकोतर एवं बीएड कर चुके है वर्तमान मे रिसर्च की तैयारी […]
रुठ गए अन्नदाता जो, सोचो हमारा क्या होगा? कैसे भरेगा पेट सभी का, बोलो जहाँ का क्या होगा? भरी दोपहरी में जब हम, ए सी के घरों में सोते हैं। सारे अन्नदाता तब ऐसे में, अपने खेतों को बोते हैं। तन और मन से अन्नदाता, बस अपना धर्म निभाते हैं। […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।