भौतिक उन्नति पथ बढ़ चले मशीन की मानिद बन चले जल्दी सोना हम भूल गए जल्दी उठना भी भूल गए सुबह शाम की संध्या याद नही निस्वार्थ के रिश्ते भूल गए दादी नानी की कहानी कहां गई बचपन जीना ही सब भूल गए दूध, दही ,घी और मठ्ठा मक्खन-रोटी खाना […]
अमृत बेला मे अमृत बरसता इस घड़ी को देव भी तरसता यह घड़ी है परमात्म बच्चों की परमात्मा से होती बात बच्चों की जो उठता है इस शुभ घड़ी मे परमसुख मिलता इस घड़ी मे दो से पोने पांच तक अमृत बेला इसके बाद हो जाता है सवेरा अमृतबेला मे […]
मन उदास है , कोई ना पास है। ना कोई आस है, ना कोई प्यास है। थका है तन मन, है दिल में उलझन। बोझ लगे है जीवन, है खुद से ही अनबन। हैं आशाएं टूटी, हैं दिलासाएं झूठी। किस्मत है रूठी, खुशियां भी रूठी। पास हैं खजाने, ना जीने […]
यह कोई जरूरी तो नहीं रमाबाई का जिकरा करना मैं एक बार हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय मैं सर्टिफिकेट कोर्स के पेपर देने के लिए गया हुआ था वहां पर मुझे करीब 20 रोज रुकना पड़ा जिस घर में मैं रुका था वह घर दिलशाद अहमद का घरता मैं तो जब […]
वाणी ऐसी बोलिए जो सबके मन को सुहाय सुनने मे मीठी लगे गैर भी अपना हो जाए कटु वाणी दूरी बढ़ाती मन मे वैमनस्य बढाती शांति का हरण करती क्लेश भी बढ़ता जाए तनाव रहित जीवन हो परचिंतन होने न पाये चिंतन करते रहे प्रभु का सुख ही सुख हो […]
अखिल भारतीय गुरुकुल एवं गौ शाला अनुसंधान संस्थान के द्वारा गांधीनगर के सामाजिक कार्यकर एवं हिंदी गुजराती कवि लेखक अनुवादक और इंडियन लायंस गांधी नगर स्वर्णिम क्लब के उपाध्यक्ष तथा महात्मा गांधी साहित्य मंच गांधीनगर के अध्यक्ष श्री डॉ गुलाब चंद पटेल को गुजरात के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।