नजर बुरी ना होती यारों, होता है बुरा नजरिया रे। जिसको जैसी नजर से देखो, वैसा ही नजर वो आता है। यदि नारी में माँ ,बहना देखो, तो पाप ना मन में आता है। नजर बुरी ना होती यारों, होता है बुरा नजरिया रे। गैरों को यदि अपना समझो, सब […]

देते है हम संदेश सबको सदा ही सत्य अहिंसा का। पर खुद कितना इस पर हम लोग अमल करते है। साथ ही कितने स्वर्थी है हम इस कलयुग में। जो अपनी ही बाते कहते रहते है इस युग में। और कहते है खुद जियो औरो को भी जीने दो।। पर […]

आगरा । बटेश्वर तीर्थ बाह तहसील में महाशिवरात्रि पर्व के पावन अवसर पर साझा संकलन – कालेश्वर ज्योति का विमोचन मुख्य पुजारी श्री जय प्रकाश गोस्वामी, बाह सी. ओ. श्री प्रदीप कुमार, विष्णु प्रताप वर्मा ( समाज सेवी), बालकिशन वर्मा (पत्रकार- हिंदुस्तान), अवधेश कुमार निषाद मझवार ( युवा कलमकार ), […]

अदालतों में अंग्रेजी की गुलामी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत की न्याय-प्रणाली के बारे में ऐसी बातें कह दी हैं, जो आज तक किसी राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने नहीं कही। वे जबलपुर में न्यायाधीशों के एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कानून, न्याय और अदालतों के बारे में […]

कलम के सिपाही कमल ने मूल्यों के लिए अलख जगाई अध्यात्म का हो समावेश पत्रकारिता ऐसी सिखाई सात्विकता का पाठ पढ़ाया सच का आईना दिखलाया ब्रह्माकुमारीज से स्वयं को जोड़ा चरित्र निर्माण का अभियान छेड़ा स्वच्छ पत्रकारिता के प्रहरी थे वे कमल दीक्षित शिव प्यारे थे वे वे देह छोड़ […]

अपने दिल की हर बात लिखता रहा दिन क्या तमाम रात लिखता रहा एक पल भी आया न मुझको सुकून मैं अपने ही हालात लिखता रहा लम्हा कभी खुशी का तो कभी गम का खुद से ही किये सवालात लिखता रहा लोग शायर मुझको समझने लगे जबकि मैं अपने ख्यालात […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।