इस तरह रिश्ता निभाना चाहिए, आपको भी आना-जाना चाहिए। हम अगर मुस्का रहे हैं तो प्रभो, आपको भी मुस्कराना चाहिए। लोग ज़िंदा हैं अगर तो ठीक है, रास्ता खुद ही बनाना चाहिए। ज़िंदगी तो मुश्किलों का नाम है, फिर भी हमको गुनगुनाना चाहिए। सत्य कहने में बड़ा जोखिम मगर, वक्त […]

चलो अब खुद को बेसहारा कर लिया जाए, एक दूसरे से अब किनारा कर लिया जाए…। साथ नहीं था मुमकिन हमारे नसीब में, दुनिया को कहने को कोई बहाना कर लिया जाए…। वो लम्हों खफा रह कर एक पल का सुकून देता है, चाहती हूँ अब इसका भी सहारा ना […]

तुम अधर का गीत बन जाओ, मैं गुनगुनाता रहूँ। महफिलें जब भी सजे मैं रौनक बढ़ाता रहूँ, दुआ ऐसी लगे तेरे दिल की माँ.. जमीं से फलक तक बस जगमगाता रहूँ,जगमगाता रहूँl।   खिलाया तूने ये पुष्प जग बगिया में, खुश है तू सौंपकर इसे इस जहाँ को.. दुआ तेरी […]

 ‘जिद’ शब्द की परिभाषा  यानी बिना विवेक के जो मांग की जाती है,और उसकी पूर्ति तत्काल हो जाए ,तो वह जिद है। बच्चों में विवेक की कमी होती है और मांगी गई वस्तु उसी समय चाहते हैं। न मिले तो जिद अपने सक्रिय रुप उपद्रव में बदल जाती है, लेकिन […]

इस  जमाने  की  हकीकत  आशनाई  देख  ली । कर  मुहब्बत  कर वफा   करके भलाई देख ली।। दर्द   देकर   ज़िन्दगी   को   बद्गुमानी   में   रहे। ज़िन्दगी   मैंने   तुम्हारी    बेवफाई    देख   ली।। गलतियाँ कर नासमझ बन और खुद नाराज तुम। घाव […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।