बाँधकर दिल को हमारे, मुक्त ऐसे कर दिया। भूल बैठे फर्क भी हम मुक्त हैं कि कैद हैं। हम कहें तो क्या कहें, जो-जो उन्होंने कह दिया। दर्द भी दिल के हमारे, सर्द हैं खामोश हैं। फासला सोचों का है, छाया है,दिल के दरमियां। कौन सच्चा,कौन झूठा, सरपरस्त यह वक्त […]