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हिस्से में आई बेइज्जती को देख मन सुन्न हो गया रामदीन का..क्या सोचा था क्या हो गया,अपनी सगी बहन से इस बर्ताव की सपने में भी उम्मीद न थी,किस कलेजे से कह दिया भईया रात आप भगतपुर में बिता लो,सुबह बारात विदाई के बाद चले आना,आप के ये ‘सफेद दाग’ बाराती और होनेवाले नए रिश्तेदार देखेंगे तो क्या कहेंगें कि, यह दुल्हन का क्या ये मामा है,भईया कहीं बनता रिस्ता न टूट जाए,इसलिए अभी बारात आने के पहले दामू बेटा आप को भगतपुर बुवा के घर छोड़ आएगा मोटरसाइकिल से। कुछ समझ नहीं पा रहा रामदीन कि, क्या हो रहा है उसके साथ। अचानक खाट से उठ दोनों हाथ जोड़े बिना कुछ कहे ओसार से निकल पगडंडी की तरफ आँखों के आंसू साथ में शरीर के सफेद दाग छुपाते अपराध बोध से ग्रसित नजरें झुकाए पत्नी ओर बच्चों के साथ पगडंडी पर चल पड़ा। समझ नहीं पा रहा कि किधर जाए….! अपने हिस्से आई इस बेज्जती को क्या नाम दे,खुद को दोषी ठहराता कि, मुझे खुद ही बदरंग शरीर लेकर नहीं आना चाहिए था। इसमें बहन की कोई गलती नहीं ,सारी गलती तो मेरी ही है। पाँव कहीं के कहीं पड़ रहे थे रामदीन के अपने हिस्से की बेइज्जती के बोझ तले..जमीं हिलती नजर आ रही थी। बस कुछ समझ नहीं आ रहा कि,कहाँ जान दे दूँ,कहाँ ऐसा शरीर लेकर जाऊँ अब…..?
#आनंद पाण्डेय ‘केवल’
परिचय : आनंद पाण्डेय ‘केवल’ की उम्र 45 वर्ष है और आप सेवनिवृत्त शिक्षक (मुंबई) हैं। मुंबई में निवास है,पर पैतृक निवास उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में है। आप कार्यक्षेत्र के रुप में मुंबई में कम्पनी में कार्यकारी संचालक के तौर पर सक्रिय हैं। लेखन में रुचि है और पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती हैं। मात्र एक वर्ष का लेखन अनुभव है और भावों की तुकबंदी पर अधिक लिखते हैं। तबला वादन में स्नातक होने के साथ ही कुछ अन्य उपलब्धियां भी पाई हैं। कवि मित्रों की रचनाएँ पढ़ने का चिंतन तथा मनन करना आपको अच्छा लगता है।
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Sat Jul 8 , 2017
बलात्कार एक ऐसा घिनौना कृत्य है,जिसके बारे में कई लोग बात करने से भी कतराते हैं.. यह न केवल जिस्म का होता है,वरन रुह का भी होता है। और जो इंसान इसे भोगता है,उस पीड़ित को न केवल परिवार, बल्कि पूरे समाज में उपेक्षा देखना पड़ती है, इसीलिए सरकार को […]