भारत की साहित्यिक संस्था “राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान” द्वारा श्रीमती कमला सिन्हा जी के स्मृति मे आयोजित अखिल भारतीय साहित्यिक प्रतियोगिता संपन्न हुआ ! इस कार्यक्रम को संस्था के राष्ट्रीय महासचिव रूपेश कुमार द्वारा आयोजित किया गया जो कार्यक्रम के रूपरेखा भी तैयार किये! “श्रीमती कमला सिन्हा” के प्रथम स्मृति […]

किसी से नज़रें मिलते ही, दिल लगाया नहीं जाता। हर मिलने वाले को भी अपना बनाया नहीं जाता। जो दिलमें बस जाये उन्हें उम्रभर भुलाया नहीं जाता।। माना तेरी हर अदा, मोहब्बत सी लगती है। एक पल की जुदाई भी, मुद्दत सी लगती है। पहले नहीं सोचा था, अब सोचने […]

कोरोना ने लोगों को बता दिया है कि कोरोना से लड़ना है तो ऑनलाइन चलना है। बगैर ऑनलाइन चले कोरोना से दो-दो हाथ नहीं किया जा सकता। सामान खरीदना है तो ऑनलाइन खरीदो। कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से भी लड़ना है तो ऑनलाइन डाक्टरी सलाह पर निर्भर रहना होगा […]

जीवन सफल बनाने को कर लो कुछ उपकार राह भटके लोगो को आओ दिखाए सन्मार्ग झूठ,फरेब और मक्कारी है कलियुग की पहचान इन सबसे मुक्ति का राजयोग है निदान सवेरे उठकर जो परमात्मा का करते है नियमित ध्यान सारे विकार नष्ट हो उनके मिले सदाचरण का ज्ञान ।#श्री गोपाल नारसन […]

समस्त टीकाकरण केंद्रों पर प्रभारियों को टीकाकरण हेतु 1 बैकअप लिस्ट बनाकर रखना चाहिए जिसमें टीका लगवाने वाले ऐसे फ्रंटलाइन वर्कर, समाजसेवी, पत्रकार, युवाओं के नाम व मोबाइल नम्बर हो। जैसा कि हम जानते है, वैक्सीन का 1 डोज़ निकलने पर 10 लोगों को वैक्सीन लग सकती है। यदि दिवस […]

अनेकों जन्म के पुण्यों का फल यह मानव शरीर हैं जो हमें मिला है, ईश्वर की बनाई सबसे सुंदर कृत्ती,सबसे सुंदर रचना,सबसे सुंदर सर्जन है यह मानव शरीर , और इसकी व्यवस्था जिसको पाकर आप हम सभी ही मानव सम्पूर्ण जगत का आनंद ले सकते है,इसी शरीर के माध्यम से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।