इच्छाओं का बोझ था सर से उतार दिया मैंने एक ही झटके में जीवन को आकार दिया अब इस आकार में सुख शांति बसती है मुरझाई सी हंसी थी अब वो खुलकर हंसती है चाहनाओं का बोझ था सर से उतार दिया मैंने एक ही झटके में जीवन को आकार […]
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कलम की सुगंध विश्व साहित्य नारी कोष के तत्वावधान में वट सावित्री अमावस्या के शुभ अवसर पर काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संस्थापक संजय कौशिक विज्ञात, अध्यक्ष अनिता भारद्वाज अर्णव ,मुख्य अतिथि मंशा शुक्ला जी ,विशिष्ट अतिथि हर्षा देवांगन की उपस्थिति में कार्यक्रम का सुंदर आयोजन किया […]