इच्छाओं का बोझ था सर से उतार दिया मैंने एक ही झटके में जीवन को आकार दिया अब इस आकार में सुख शांति बसती है मुरझाई सी हंसी थी अब वो खुलकर हंसती है चाहनाओं का बोझ था सर से उतार दिया मैंने एक ही झटके में जीवन को आकार […]

कोरोना काल में जहां आम आवाम की मानवीय संवेदनायें चरम सीमा पर रहीं, वहीं अधिकांश स्थानों पर प्रशासनिक क्रियाकलापों पर प्रश्नचिंह अंकित होते रहे। सूचना के अधिकार से बाहर होने की बात कहकर जबाबदेही पर मुकरना, उत्तरदायी अधिकारिकों के लिए आम बात हो गई है। सरकारों ने जो सुविधायें और […]

कहना चाहते हो तुम कई सारे भेद अपने मन के लेकर मेरा हाथ अपने हाथों में। सुनाना चाहते हो अपने दिल की हर धड़कन में मेरे नाम का जिक्र निशब्द होकरआलिंगन कर बांहों में। बीते हुए पल की सुखद अनुभूतियों के सुखद स्पंदन को महसूस करना चाहते हो संग मेरे […]

पूर्व में किये थे अच्छे कर्म तभी तो पाया मनुष्य जन्म। क्या मनुष्य जन्म मिलना ही इस दुनियाँ में काफी है ? सोचो समझो और करो विचार फिर निभाओं अपना दायित्व यार। क्या हम दे पा रहे है अपने बच्चों को अच्छे संस्कार।। पेटकी भूख मासूम बच्चों से क्या कुछ […]

कलम की सुगंध विश्व साहित्य नारी कोष के तत्वावधान में वट सावित्री अमावस्या के शुभ अवसर पर काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में संस्थापक संजय कौशिक विज्ञात, अध्यक्ष अनिता भारद्वाज अर्णव ,मुख्य अतिथि मंशा शुक्ला जी ,विशिष्ट अतिथि हर्षा देवांगन की उपस्थिति में कार्यक्रम का सुंदर आयोजन किया […]

कलम की सुगंध महफ़िल ए ग़ज़ल मंच पर आनलाइन मुशायरा का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में संस्थापक संजय कौशिक विज्ञात जी, पटल संचालक धर्मराज देशराज की उपस्थिति में संपन्न हुआ । कार्यक्रम की शुरुआत अर्चना पाठक निरन्तर ने सरस्वती वंदना से की । भारत के अनेक जगहों से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।