सब कहते शीतल , मनोरम है चांद, खूबसूरत इसे जग कहे पर यह शांत। तिमिर में करता है यह सदा उजाला, इसलिए तो बेदाग कहलाया है चांद। जब होती है रोजाना प्यारी-सी सांझ, मन को लुभाता ढ़लती सांझ में चांद। इसकी महिमा है,बड़ी ही निराली, व्रत तोड़ती है महिलाएं देखकर […]