हाय सौरभ कैसे हो,कैसा रहा तुम्हारा वेलेंटाइन्स डे.नीति को तुम्हारा दिया तोहफा पसन्द आया कि नहीं?प्रिया की बात सुनकर सौरभ बड़े उखड़े से अन्दाज़ में बोला मुझे क्या होना था ठीक हूँ और वेलेंटाइन्स डे तो मेरे लिए बहुत ख़ास रहा.ताउम्र याद रखूँगा.प्रिया उसके बोलने के अन्दाज़ से समझ गयी […]

आज मेरे गाँव की सूरत दिखाने आई हूँ खोई हुई पहचान से परिचय कराने आई हूँ। साफ सुथरे गाँव में हरियाली का विस्तार था प्रेम से रहते सभी अपनत्व का प्रचार था। गाँव की चौपाल पर ज्ञान की बातें सदा धर्म भक्ति यज्ञ में विश्वास करते सर्वदा। दुःख दर्द में […]

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वो जब सीमा पर होता है*** तो जननी के दूध की    हर एक बूंद   उसे फर्ज और कर्ज की याद दिलाती है वो जब घिर जाता है    दुश्मन टोली से   माँ का भीगा आँचल  फौलाद की ढाल बन बचाता है वो जब सीमा पर होता है*** […]

यूँ ही साथ चलते-चलते एक दिन तुमने कहा.. रुको..! पर मैं चलती रही.. तुमने कहा.. चलो..! और मैं रुक गयी.. तुमने इसे अपनी अवहेलना समझा, और तुम नाराज हो गए.. काश..! तुम समझ पाते कि.. यह तिरस्कार नहीं था तुम्हारे प्रति, यह तो तुम्हारी नजर में खुद की अहमियत, खुद […]

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आईना जनाब गजब खेल दिखाता है दाँये को बायां और बांये को दांया सच को झूठ और झूठ को सच बताता है ए!आईने सुन राज की बात बताती हूँ यूँ ना इतरा सबका चहेता बनकर आज मैं तुझे आईना दिखाती हूँ अच्छा है तू या तो झूठ बोलता है या […]

  इस हिंदी से सीखा मैंने माँ को कैसे बुलाऊँ दादी को अपने मन का कैसे हाल सुनाऊँ इस हिंदी से सीखी मैंने कहनी सारी बातें बाबा से भी कहा इसी से मुझे मिठाई ला दें मैं नानी से सुन पाई सीता राम की गाथा इस हिंदी ने दिया सहारा […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।