काश..!

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vandana gupta
यूँ ही साथ चलते-चलते
एक दिन तुमने कहा..
रुको..!
पर मैं चलती रही..
तुमने कहा..
चलो..!
और मैं रुक गयी..
तुमने इसे अपनी अवहेलना समझा,
और तुम नाराज हो गए..
काश..! तुम समझ पाते
कि..
यह तिरस्कार नहीं था
तुम्हारे प्रति,
यह तो तुम्हारी नजर में
खुद की अहमियत,
खुद की इच्छा,
और खुद का वजूद,
साबित करने का
एक प्रयास था मेरा…
काश..! तुम समझ पाते..
बस तुमने एक बार
सिर्फ एक बार कहा होता
कि..
“जो तुम चाहो..”
फिर शायद..
शिकायत का मौका नहीं मिलता
कभी भी..
कहीं भी..
और
किसी को भी..
नाम- डॉ वन्दना गुप्ता
मध्यप्रदेश- उज्जैन
शिक्षा- एम. एस सी., एम. फिल., पी एच.डी. (गणित)
प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष
गणित विभाग
शासकीय कालिदास कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उज्जैन
रुचि- अध्यापन, लेखन एवं पाठन
प्रयास रहता है, पारिवारिक या सामाजिक विसंगतियों को कथा कहानी कविता के माध्यम से प्रसारित कर समाधान तलाशने का….
उपलब्धियां- गणित विषयान्तर्गत लगभग 50 शोधपत्र राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के जर्नल्स में प्रकाशित, मेरे निर्देशन में कुछ शोधार्थी Ph. D. उपाधि प्राप्त, कुछ शोधरत। 
शाजापुर महाविद्यालय में कार्यरत रहने के दौरान बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ जयंती समारोह में मध्यप्रदेश साहित्य परिषद द्वारा काव्यपाठ हेतु पुरस्कृत
 पिट्सबर्ग से ऑनलाइन प्रकाशित अंतर्राष्ट्रीय द्वैभाषिक पत्रिका सेतु द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रतियोगिता 2016 में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।