तुम चाय की पत्ती, मैं तुम्हारा दूध, बिन तुम्हारे अस्तित्व विहीन मैं हुआ बेसुध।   तुम समाहित होती मुझमें, निखर उठता रूप, अपना लिया तुमने मुझको, धन्य हुआ ये कुरूप, तुम बिन ले उबाल हो जाता मैं क्रुद्ध, मिलन होता तुमसे हो शांत, तुम पर हो जाता मुग्ध मचल उठता […]

चला गया २०१७, निकालते रहो निष्कर्ष लो आ गया २०१८ नव वर्ष। किसी को मिला दुःख किसी को मिला हर्ष, किसी का भरा रहा किसी का रहा खाली पर्स, किसी की जिंदगी आसानी से आगे बढ़ी किसी का खत्म न हुआ संघर्ष, किसी के अपने छूटे किसी के सपने टूटे, […]

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मंगलसूत्र, वैवाहिकता का सबूत सम्बन्धों को करता मजबूत, रह उपस्थित देते आशीर्वाद देवदूत, देख दृश्य सब रहते अभिभूत, वर्तमान काल में रह खुश भविष्य के सपने संजोते, सच हुए सपने, मिला उन्हें पूत मंगलसूत्र, वैवाहिकता का सबूत। बढ़ती चकाचौंध सम्बन्धों क़ो रौंद, टूटते रिश्ते, सम्बन्ध पिसते स्वप्न रहने का आजाद, […]

एक मित्र ने कहा, आपको बोलने हेतु मन में एक बात जगी है, जाकेट में ऐसे लगते हो जैसे-जाकेट हेंगर पर टँगी है। आपको देखो तो जादू होता है, खड़ा रहता सामने तुम पण दिखाई नी देता है, कमाल का चेचिस है तुम्हारा जित देखो तित से, एक साँचे में […]

इश्क में, नयनों की भाषा अजीब होती है वो मिलन का इशारा दे गई, इस हृदय में आज भी इश्क भरपूर जज्बा है, कौन कहता है कि ये इमारत खण्डहर हो गई। इश्क में बताया नहीं जाता कि, उसने क्या पाया हमने कौन-सा राग गाया, रागों की जुगलबन्दी में दिलों […]

संघर्ष करता,जूझता परिवार मार्कण्डेय गोत्रीय। जीवन को गति प्रदान करने के लिए मास्टरी कर सुकून महसूस कर रहा था। परिवार में ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी,क्योंकि चन्द्रशेखर जी के यहाँ दमयंती ने जन्म लिया था। संघर्षरत परिवार दमयंती के आने से प्रसन्न हो गया। कन्या जल्द ही बड़ी होती […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।