विपत्तियों के दौर में उजाले भी चुपके से पंहुच जाते हैं अंधेरों के पाले में छोड़ देते हैं साथ सब न साथ रहता हाथ अपना आपदा की आंधियां भी हौले -हौले ले बवन्डर साथ – साथ गह बहियाँ बाधाओं संग झंझावात के आगोश में जलजले ओ जलालत भी लगाते हैं […]

           वर्तमान में सोशल मीडिया , अंतरजाल  में सबसे अधिक प्रचलन में  WHATSAPP  ‘ व्हाट्सएप्प ‘ हो गया है। सुबह होने से देर रात तक लोगबाग इसमें व्यस्त दिखाई दे रहे हैं। घर परिवार हो या कार्यालय लोगबाग बारम्बार यह एप्प खोल – खोलकर देखा करते […]

  दिखता नहीं भीड़ में कोई शत्रु खाली हो पेट विपत्ती आयी घर बदले मित्र सूखी अपेक्षा भंवरें जुड़े दलबल सहित सन्नाटा चिरा बिना उजाले अंधियारा प्रबल कायम आशा गर्म शीतल प्रकृति का स्वभाव पवन कहे चौखट गिरी घर -घर की रीत दीवार उंठी लौटेगा वह समझ आने पर अपेक्षा […]

इस बात को हम मानले, कि बेटा बेटी एक समान। बेटियां हैं हमारा मान तो, ये बेटे भी है हमारी शान।। दोनों ही है ये बहुत जरूरी, ना कर इनमें भेदभाव। बहुत खलेगा ये अगर रह गया एक का भी अभाव।। समान शिक्षा दे दोनों को, दोनों समान ही पढ़ते […]

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क़त्ल करता है मुस्कुराहट का, उफ़्फ़ क़यामत है दर्द का झटका। सब गुज़रते हैं मेरे  सीने से, मैं हूँ इक पायदान चौखट का। बादलों से बचा लिया मैंने, चाँद लेकिन शजर में जा अटका। एक मुद्दत हुई ये दरवाज़ा, मुन्तिज़र है तुम्हारी आहट का। मैं जो दीदार को तड़पता हूँ, […]

पिछड़ेपन,भेदभाव की शिकार लड़कियों में शैक्षणिक योग्यता को बढ़ावा देने वाली एक मार्मिक फ़िल्म है ‘ज्योति’ll। हमारे देश में नारी को आदिकाल से पुरुष की बराबरी का दर्ज़ा दिए जाने की वकालत की जाती रही है,लेकिन हमारी कथनी और करनी हमेशा विरोधाभासी रही है। जो कुछ हम कहते हैं,वह हमारे व्यवहार और प्रयासों […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।