“ममा” विवेक ने संजना को झंझोड़ा। “हां बेटा! क्या बात है?” संजना ने विवेक के सिर पर हाथ रखा। अपनी मां के मुख से प्रिय वचन विवेक ने बहुत दिनों के बाद सुने था। घर गृहस्थी की परेशानी से चिढ़चिढ़े पन की ओढ़नी ओढ़ चूकी संजना अपने हाथों से विवेक […]

* *प्र* गति को उसकी भाभी दिव्या ने करण का मोबाइल नंबर लाकर दिया। दिव्या चाहती थी कि प्रगति स्वयं करण से बात करे। बाहर जाकर मिले-जुले ताकी दोनों के परस्पर विचार सांझा हो सके। वे दोनों एक-दूसरे के विषय में अधिक से अधिक जाने, जिससे विवाह उपरांत कोई परेशानी न […]

चूहा हो गया दसवीं में फेल पापा जी को भेजा ईमेल। खत्म कर रहा ,जीवन का खेल सामने है कढ़ाही भरा है तेल । पिता– बेटा मत करो ऐसी बात घर आ जाओ हो गई है रात । कुंवारी बहने घर में हैं सात आने वाली है जिनकी बारात। चूहा– […]

त्रिपाल में राम बैठे,नेताजी हैं महलों में मंदिर  बना  न सको  बात  मत करिए जो मंदिर की बात छेड़ो सांप सूंघ जाता है जनता  से  कहते  हो  धीरज  को  धरिए जी वादे तो करे हैं खूब वोटों की जुगाड़ में वादे   तो   निभा  न सके  पीर अब हरिए जनता की […]

मुनासिब  नहीं  हर  रोज मिलना  शहर में बहुत मुश्किल है एकसाथ चलना शहर में। ख्वाहिशें दम तोड़ देती है हर शाम यहां हर सुबह उठाता है नया सपना शहर में। कल की मुलाकात आज पुरानी हो जाती है गिरगिट- सा रंग पड़ता है बदलना शहर में। हंसते-गाते खुशियां मनाते मस्ती […]

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सरेराह कार में ऐ.सी.का मजा लेते हुए मैंने, कुछ मजबूरियों को नंगे पैर चिलचिलाती हुई धूप में, गिड़गिड़ाते हुए देखा! खिलौने ले लो ना मेडम ! आपका बच्चा बहुत खुश होगा। उनके पैरों के छाले मेरे सीने में जखम करते हैं । उनके पैरों में चप्पल भी नहीं हम ऐ.सी […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।