
ऐ.सी.का मजा लेते हुए मैंने,
कुछ मजबूरियों को नंगे पैर
चिलचिलाती हुई धूप में,
गिड़गिड़ाते हुए देखा!
खिलौने ले लो ना मेडम !
आपका बच्चा बहुत खुश होगा।
उनके पैरों के छाले मेरे सीने में
जखम करते हैं ।
उनके पैरों में चप्पल भी नहीं
हम ऐ.सी .में सफर करते हैं।
तुम भी खरीद लिया करो,
मैं भी कुछ चीजें बेवजह ही
खरीदा करती हूँ।
दाम चीजों के चुकाती हूँ।
और दुआऐं मुफ्त में,
झोली में भरा करती हूँ।
भीख नहीं मांगते ये लोग
मेहनतकश बहुत होते हैं।
कुछ के घर में बूढ़े,
तो कुछ के घर में बच्चे
भूँख से विलख रहे होते हैं।
#सीमा शिवहरे’ सुमन’
हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति । बहुत खूब सीमा
Heart Touching…Nice and Beautiful lines.