मै नारी हूँ, ये अपराध मेरा तो नहीं हाँ मै नारी हूँ ! तुम्हारी लेखनी ने संस्कृति के उत्कर्ष तक मुझे पहुंचा दिया धरती का प्राणी ही नहीं देवी भी मुझे बना दिया किन्तु, तुमने मुझे बना दिया पातळ की छाती को विदीर्ण करनेवाली एक चीत्कार प्रकृति-पटी पर उमड़ती कोसी […]

कागतन्त्र है, काँव-काँव करना ही होगा नहीं किया तो मरना होगा। गिद्ध दिखाते आँख, छीछड़े खा फ़ैलाते हैं। गर्दभ पंचम सुर में, राग भैरवी गाते हैं। जय नेपाल पराजय, कर प्रबंध झंडा फ़हराते हैं। हुए निसार सहमत जो उनको दिन-रात डराते हैं नाग तंत्र के दाँव-पेंच, बचना ही होगा, नहीं […]

कविता कवि की कल्पना, किए समाहित अर्थ। निराधार कवि-कथन का, सृजन जानिए व्यर्थ॥ शब्द अनावश्यक न हो, शब्द-शब्द में अर्थ। करे समाहित प्रौढ़ कवि, देखे हो न अनर्थ॥ रहें सदय कविजनों पर, पल-पल रमा-रमेश। सत्ता निष्ठा शारदा, प्रति हो ‘सलिल’ हमेश। अपनेपन का शत्रु है, अहं दीजिए त्याग। नष्ट करे […]

एक अख़बार में निविदा विज्ञापन, दहेज़ के दानव के विनाश हेतु चाहिए एक बाण.. ऐसी निविदा पढ़ने के बाद दिल को हुआ आराम। वर्तमान परिदृश्य में, बहुएं जली-जलाई जा रही.. ऐसे हादसों के कारण गांवों  के कुएं की चरखियां,घट्टियों की आवाजें, ख़त्म होती जा रही। बाजारों में फ्रेमों के,कब्र के […]

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फूलों से लदे हरे-भरे नीम की महक दे जाती है मन को सुकून भले ही नीम कड़वा हो |   पेड़ पर आई जवानी चिलचिलाती धूप से कभी ढलती नहीं बल्कि खिल जाती है लगता, जेसे नीम ने बांध रखा हो सेहरा |   पक्षी कलरव करते पेड़ पर ठंडी […]

स्त्री हिचकियाँ की सखी, साथ फेरों का संकल्प, दुःख-सुख की साथी, एकाकीपन खटकता | परछाई नापता सूरज, पहचान वाली आवाजों में, खोजता मुझे दी जाने वाली, तुम्हारी जानी-पहचानी पुकार | आँगन -मोहल्ले में सूनापन, विलाप के स्वर, तस्वीरों में कैद छवि, सदा बहते अश्रु, तेज हो जाते, तुम्हारी पुण्य तिथियों […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।