है चपल नदी की धार, सतत बहती कल-कल। स्थिर रहे तो होती वह पावन और निर्मल। और तड़ित भी गगन में विहरे चंचल-चपल बन। जब व्योम में छाते हैं काले वारिद सघन घन। अग्नि भी है धधकती, धरा पर चंचला सी ना कोई समझे इन्हें, यहां महज अबला सी। नदी […]

आया फागुन बदला मौसम, खिल गई धरती और खिले हम। विहंसी नदिया सात समंदर, साज सजे धरती नित सुंदर। फूली सरसों,गेहूं हरसाया, चना-मटर संग रास रचाया। मादकता भरी हवा के अंदर, साज सजे धरती नित सुंदर। सहज प्रेम का मौसम है यह, विरही हृदय कहे कुछ रह-रह। हुआ आबाद जो […]

६९ वें गणतंत्र दिवस पर,  भारत माता को मेरा नमन  मातृभूमि तुझको नमन, हे मातृभूमि तुझको नमन यशगान करते धरती-गगन। स्वर्ग-सा संवरा हुआ यह, प्यारा-सा अपना वतन।   हैं फूल इसमें भिन्न-भिन्न, पर एक में बिंधे हुए हैं। खुशबू मिलती एक-सी, हम एक संग गुंथे हुए हैं।   मुकुट बन […]

अब दिसम्बर भी जाने लगा है, गीत विरह के  गाने लगा है। सहेजा था इसको मैंने दिल में, पर ये मीत दूजा बनाने लगा है। कोई शिकवा नहीं इससे मुझको, रीत दुनिया की है ये पुरानी। है मुसाफिर इनसान जग का, जिंदगी है यहां आनी-जानी। प्यार,उल्फत सभी अच्छे लफ्ज हैं, […]

बढ़ रही है ठंड यहां, सर्दी जब से आई। शीतल हुई है हवा, नहीं धूप में गरमाईll  सूरज के उगने पर, अब सुबह भी कुमुनाई। स्वेटर और चादर संग, सब खींचें रजाईl  बढ़ गई है…ll    जल्दी ढलती है शाम, और रातें हैं लंबी। अंगीठी और बोरसी ले, दुबके हैं […]

दिल की बातें पढ़ लेता हूं,  सुंदर मूरत गढ़ लेता हूं  तुम भी मुझसे मिल कर देखो, बिन पंखों मैं उड़ लेता हूं। बात दुखों की मत कुछ करना, दिल की आहें दिल में भरना कौन सुनेगा इस जंगल में, मेरा रोना,तेरा हंसना ? कोई नहीं है,मेरा-तेरा, सब है एक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।